इसका खुलासा प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में हुआ है जिसमें 100 नौकरियों को आधार बनाकर गूगल इमेज सर्च में महिला प्रतिनिधित्व के बारे में विस्तार से अध्ययन किया गया। इसके बाद इस रिपोर्ट की तुलना श्रम विभाग के आंकड़ों से की गई जिसमें ये चौंकाने वाली बात सामने आई है। शोध में ये भी पता चला कि सर्च रिजल्ट में पुरुष सबसे शीर्ष पर थे। दूसरी तस्वीर भी पुरुष की ही थी। जो महिला शीर्ष पर भी उसकी तस्वीर भी चौथी तस्वीर के बाद ही दिख रही थी।
महिलाओं के प्रति बनेगी नकारात्मक छवि: न्यू अमरीका लेफ्ट थिंक टैंक की फेलो हेली स्वेन्सन कहती हैं कि इससे समाज में महिलाओं को लेकर एक नकारात्मक छवि बनेगी जो उनके लिए ठीक नहीं है। प्यू सोशल ट्रेंड्स रिसर्च डायरेक्टर किम पार्कर कहती हैं कि ऐसा होने पर महिलाओं के प्रति एक अलग सोच बनती है और लोग उन्हें अल्पसंख्यक के तौर पर मानते हैं। प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार इस शोध में 7 जुलाई से 13 सितंबर 2018 के बीच 10 हजार तस्वीरों का अध्ययन किया गया था।