देश में बढ़ रही है पियक्कड़ों की संख्या, अध्ययन में हुआ खुलासा इस विस्फोट के माध्यम से धरती ( earth )से टकराने वाले पिड़ को उसकी दूरी पर ही खत्म कर दिया जाएगा। यह असल में खगोलीय रक्षा तकनीक ( tecnology ) का प्रर्दशन होगा।
नासा ने इस बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि यह एक तरह का छोटा-सा परीक्षण है। डबल एस्टेरॉयड रिडायरेक्शन टेस्ट (डीएआरटी) के माध्यम से पहली बार धरती से सीधा निशाना डिडिमॉस पर लगाने का अवसर मिलेगा। यह धूमकेतू धरती के करीब आ रहा है। परीक्षण में नासा का यान धूमकेतु के बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम में चंद्रमा के आकार के टुकड़े को अपना निशाना बनाएगा। हालांकि इससे धरती को किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं हैं। नासा का यह परीक्षण करने का मकसद सिर्फ इतना है कि भविष्य में कभी भी कोई पिंड धरती की तरफ अचानक आता है, तो वैज्ञानिक सीधा धरती से अंतरिक्ष की ओर निशाना भेद सके।
वैज्ञानिकों का दावा : प्राकृति के लिए नहीं किया ये काम तो हो जाएगा सब खत्म नासा के अनुसार इस मिशन को 2021 में लॉन्च किया जाएगा। डीएआरटी सौर ऊर्जा से संचालित होता है। नासा इस बात पर खास तौर पर ध्यान रखेगी कि परीक्षण के समय धुमकेतु की धरती से दूरी 1 करोड़ 10 लाख किमी हो।