टीम में जापान और रूस के विश्वविद्यालयों के शोधकर्ता शामिल हैं। ये शोधकर्ता हजारों साल पहले विलुप्त हो चुके मैमथ को पुनर्जीवित करने के लिए क्लोनिंग प्रक्रिया विकसित करने की योजना पर 20 साल से काम कर रहे हैं। टीम ने 3.5 मीटर लंबे बालों वाले एक छोटे मैमथ ‘यूका’ के शरीर से यह सेल न्यूक्लाई प्राप्त किया था। इसे मैमथ के इस बच्चे की मांसपेशियों और त्वचा के ऊत्तकों से निकाला गया था। इसे साल 2010 में साइबेरिया के पेमाफ्रॉस्ट में कई फीट बर्फ के नीचे से निकाला गया था। जब इसकी नाभिकीय कोशिका को मादा चूहे के गर्भ में डाला जाता है तो 43 में से 5 नाभिक उस बिंदू तक विकसित होने लगते हैं जब नाभिक कोशिका विभाजन के परिणामस्वरूप दो भागों में विभाजित हो जाता है। इसी नाभिकीय कोशिका में किसी भी जीव का डीएनए मौजूद होता है। इसे blueprint भी कहा जा सकता है जिसकी सहायता से किसी भी जीव को दोबारा बनाया जा सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस मैमथ का डीएनए बहुत लंबे समय तक बर्फ में दबे रहने के कारण नष्ट हो गया। वैज्ञानिकों ने इसी डीएनए को दोबारा बनाने में आंशिक सफलता हासिल की है।