क्या है ट्वीट में
इसरो ने चंद्रयान-2 ( Chandrayaan 2 ) की लॉन्चिंग से पहले ट्विटर ( Twitter ) पर एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा ‘इनमें से कौन सा सिद्धांत सही है? क्या कोई पांचवा विकल्प है जिसे किसी और ने नहीं माना है? हम चंद्रयान 2 के माध्यम से इन सवालों का जवाब ढूंढना चाहते हैं चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में दुनिया का पहला मिशन!’ वहीं लगभग 1000 करोड़ रु. की लागत के इस मिशन को जीएसएलवी एमके-3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। 3800 किलो वजनी स्पेसक्राफ्ट में 3 मॉड्यूल ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) होंगे। इसरो ने इनकी भी तस्वीरें साझा की हैं।
किस दिन कितने बजे होगा लॉन्च
15 जुलाई रात 2 बजकर 51 मिनट पर आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) के श्रीहरिकोटा ( sriharikota ) से चंद्रयान-2 मिशन को लॉन्च किया जाएगा, जो कि 6 या 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के पास लैंड करेगा। इसके साथ ही भारत चांद की सतह पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इससे पहले अमेरिका ( America ), रूस और चीन अपने यानों को चांद की सतह पर भेज चुके हैं। अभी तक किसी भी देश ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अपना यान नहीं उतारा है। इस मिशन में एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसमें जीएसएलवी की कीमत 375 करोड़ रु. है। जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके-3 करीब 6000 क्विंटल वजनी रॉकेट है। ये पूरी तरह लोडेड है जो कि लगभग 5 बोइंग जंबो जेट के बराबर है। यह अंतरिक्ष में काफी वजन ले जाने में सक्षम है। लिहाजा इसे बाहुबली रॉकेट भी कहा जाता है।