कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे लाखों लोग हर साल मरते हैं लेकिन विज्ञान के इस बेहद एडवांस युग में भी इसके सही कारणों और संपूर्ण इलाज को हम नहीं खोज पाए हैं। लेकिन माइक्रोसॉफ्ट ने इस दिशा में एक बड़ा एलान किया है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कंप्यूटर साइंस का इस्तेमाल कर अगले एक दशक में कैंसर की गुत्थी सुलझाने का दावा किया है।
अल्ट्रा-स्मॉल डीएनए कंप्यूटर सुधारे कैंसर सेल
माइक्रोसॉफ्ट के इस महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में कैंसर के कारणों को खोजने के साथ ही कई और भी अहम कार्यक्रम शामिल हैं। इसी प्रोजेक्ट के तहत कंपनी एक ऐसा अल्ट्रास्मॉल डीएनए कंप्यूटर बना रही है जो इंसान के शरीर के भीतर रहकर कैंसर सेल की मोनीटरिंग करेगा और जैसे ही कोई कैंसर सेल व्यक्ति के शरीर में उभरना शुरू होगी यह उसे हेल्दी सेल के तौर पर फिर से प्रोग्राम कर देगा।
कंप्यूटर साइंस सुलझायेगा समस्या
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के रिसर्च विभाग के चेरिश बिशप ने मीडिया को बताया कि इस तरह की तकनीक विकसित करना हमाारे लिए बहुत ही आसान है क्योंकि कंप्यूटर साइंस में हमारी जबरदस्त विशेषज्ञता है और कैंसर में जो भी होता है वह एक कंप्यूटेशन से संबंधित समस्या है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक संरचना के तौर दिखने वाली समस्या नहीं है बल्कि इसका गहरा संबंध गणितीय है। हालांकि बायोलॉजी और कंप्यूटर साइंस दो ऐसी विधाएं हैं जो एक दूसरे से बिलकुल अलग लगती हैं, लेकिन यदि गहराई से देखा जाए तो इनका आपस में बहुत ही गहरा संबंध है।
जोड़ी बायोलॉजिस्टों की टीम
अभी तक सिर्फ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर पर काम करने वाली इस कंपनी ने अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए दुनिया भर में कैंसर पर काम कर रहे बायोलॉजिस्ट और कंप्यूटर साइंटिस्ट की एक टीम तैयार की है। इस प्रोजेक्ट से जुड़ी कई जानकारी अभी बाहर आना बाकी हैं।
कंपनी से जुड़े एक प्रतिनिधि ने बताया कि असली आईडिया यह है कि जब भी शरीर में कैंसरयुक्त सेल बढऩा शुरू होगी, कंप्यूटर को पता चल जाएगा, जिससे हम इस पूरे सिस्टम को रीबूट कर के कैंसर से जुड़ी सेल को साफ कर देंगे।
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