नई दिल्ली। चांद की खूबसूरती के कायल सदियों से लोग रहे हैं। चाहे फिल्मों का गीत हो या फिर मां की लोरी या फिर दादी की कहानियां, चांद का जिक्र हमें बचपन से ही हर जगह मिलता आ रहा है। चांद को लेकर केवल हम ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक भी काफी जिज्ञासु रहे हैं और इसी के चलते समय-समय पर उन्होंने चांद को लेकर कई प्रयोग किए है।
हाल ही में ईसरो की तरफ से चांद में इग्लू बनाने के बात की पुष्टि की गई और फिर से एक और आविष्कार किया गया और वो यह कि चांद में अब मोबाइल नेटवर्क भी मिलेगा। जी, हां और इस अभियान को सच करने जा रहा है वोडाफोन। ये मोबाइल कंपनी अगले साल तक अपना मोबाइल फोन नेटवर्क चांद तक पहुचाने की कोशिश में जुट गई है। बता दें कि ऐसा पहली दफा होने जा रहा है जब चांद पर मोबाईल नेटवर्क पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है और ये मात्र हाई डिफनीशन वाले स्ट्रीमिंग से ही संभव हो सकेगा। इस परियोजना में मोबाइल नेटवर्क के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक मौलिक अभिनव दृष्टिकोण शामिल है।
वोडाफोन जर्मनी, नोकिया और कार कंपनी ऑडी मिलकर इस अनोखे अभियान पर काम कर रहे हैं। यदि ये अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो गया तो ये वाकई में बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इंसान के चांद पर कदम रखने के करीब 50 वर्ष बाद ये दूसरी सबसे बड़ी उपलब्धता होगी। अपने इस कार्य को उसके अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए वोडाफोन ने नोकिया को अपना टेक्नोलॉजी पार्टनर बनाया है। नोकिया चांद पर एक स्पेस ग्रेड नेटवर्क का आविष्कार कर रहा है और ये एक सुगर क्यूब से भी कम वजन का हार्डवेयर होगा। इस प्रोजेक्ट पर बर्लिन की पीटीएस साइंटिस्ट के साथ मिलकर ये सभी कंपनियां जोरों-शोरों से प्रयास कर रही हैं। आशा यहीं है कि साल 2019 में स्पेसएक्स फाल्कल 9 रॉकेट के द्वारा केप कैनावेराल से इस प्रोजेक्ट को लॉन्च किया जाएगा। इस अभियान के बारे में वोडाफोन के एक अधिकारी ने कहा कि चांद पर पहले 4जी नेटवर्क लांच किया जाएगा।