दरअसल, ये बीमारी कंबोडिया (Cambodia ) से लाओस और थाइलैंड ( Thailand ) से वियतनाम ( Vietnam ) में फैल रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि मलेरिया फैलाने मेें सबसे खतरनाक परजीवी प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum ) है। यह परजीवी मलेरिया के कारण होने वाली 10 में से 9 मौतों के लिए जिम्मेदार होता है। हैरानी वाली बात यह है कि इस बीमारी को ठीक करने के लिए बनाई जाने वाली दवा को ही स्वाथ्य के लिए खतरनाक माना जा रहा है।
ड्रग रजिस्टेंट का मतलब उन दवाओं से हैं जो किसी बीमारी या स्थिति के उपचार में दवा के प्रभाव को कम कर देता है। जिसका प्रयोग प्रतिरोध के संदर्भ में किया जाता है। रिपोर्ट में ऐसा बताया जा रहा है कि डॉक्टरों को मलेरिया के इलाज के लिए इन दवाइयों के अलावा मरीजों को अन्य ड्रग्स भी देने पड़ रहे हैं। लेकिन फिर भी इस बीमारी को बेअसर करने वाली दवा का कोई भी असर नहीं हो रहा है। व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं को सतत रूप से चुनना मल्टीरेजिस्टेंस का महत्त्वपूर्ण कारक है।
परजीवी की इस क्वॉलिटी को डेवलप करने की क्षमता को देखते हुए जल्द ही मलेरिया की दवाइयों के साथ-साथ इलाज के तरीकों में भी बदलाव लाने की जरूरत होगी। एक्सपर्ट्स की मानें तो सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि यह परजीवी नई परिस्थितियों में भी खुद को ढालने में सक्षम है।