scriptसियाचिन में पड़ती है खून जमा देने वाली ठंड, माइनस 28 डिग्री सेल्सियस में ऐसे नहाते हैं यहां पर तैनात जवान | soldiers in siachen could get waterless body hygiene products | Patrika News
विज्ञान और टेक्नोलॉजी

सियाचिन में पड़ती है खून जमा देने वाली ठंड, माइनस 28 डिग्री सेल्सियस में ऐसे नहाते हैं यहां पर तैनात जवान

जवानों को नहाने के लिए भी करीब 3 तीन महीने तक इंतजार करना होता था, लेकिन अब वो हर हफ्ते नहा सकते हैं।

नई दिल्लीJan 03, 2019 / 12:26 pm

Neeraj Tiwari

waterless body hygiene products

सियाचिन में पड़ती है खून जमा देनी ठंड, माइनस 28 डिग्री सेल्सियस में ऐसे नहाते हैं यहां पर तैनात जवान

नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे अधिक ठंड कहां पड़ती है और इस ठंड के मौसम में यहां रहने वाले लोगों की दिनचर्चा कैसी होती है। जिन जगहों पर सामान्य ठंड पड़ती है वहां के लोग हफ्ते में 2 या 3 दिन नहाना शुरू कर देते हैं, वो भी गर्म पानी से। तो यहां पर लोग अपने नहाने का क्या इंतजाम करते हैं। ऐसे में हम आपको बता दें कि भारत में सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा वारजोन है और यहां का तापमान इतना कम होता है कि खून जम जाए और व्यक्ति की मौत हो जाए, लेकिन यहां पर भारतीय जवान पूरी मुस्तैदी से देश की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं। ऐसे में उनको नहाने के लिए भी करीब 3 तीन महीने तक इंतजार करना होता था, लेकिन अब वो हर हफ्ते नहा सकते हैं।

 

वाटरलेस होगा बॉडी वॉश जेल

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सियाचिन में तैनात जवानों को नहाने के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स दिए जाएंगे, जो वाटरलेस होंगे। इस बॉडी वॉश जेल की मदद से अब जवान हर सप्ताह में दो बार नहा सकेंगे। खास बात यह है कि 20 मिलीलीटर बॉडी वॉश जेल में एक सैनिक अराम से नहा सकेगा और इससे नहाने के बाद जवान खुद को पानी से नहाया हुआ जैसा ही महसूस करेगा। ऐसे में अब उनको नहाने के लिए तीन महीने तक इंतजार नहीं करना होगा। इस जेल को एडीबी (आर्मी डिजाइन ब्यूरो) ने तैयार किया है। एडीबी इसको बनाने के लिए 2016 से प्रयास कर रहा था। एडीबी का काम आर्मी और प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर सैन्य जरूरतें पूरी करने के लिए जरूरी शोध एवं विकास कार्यों को अंजाम देना है।

 

3000 सैनिक करते हैं इस सीमा की सुरक्षा

बता दें कि सियाचिन की सीमा पर भारत की सुरक्षा के लिए हर वक्त 3000 सैनिक तैनात रहते हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि यहां की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है ऐसे में जवानों को यहां तर पहुंचने के लिए 128 किलोमीटर तक पैदल चलना होता है। यहां पर ठंड के दिनों में तापमान -19 से -28 डिग्री तक चला जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सियाचिन में रोजाना करीब 7 करोड़ रुपये खर्च होते हैं।

 

पानी के लिए पिघलानी होती है वर्फ

बता दें कि यहां पर मौजूद पानी ठोस वर्फ का आकार ले लेता है। ऐसे में पीने के पानी से लेकर नहाने तक के पानी को पिघलाना पड़ता है। इसके लिए काफी मात्रा में ईधन की जरूरत होती है। जिससे वर्फ को पिघलाकर पानी में बदला जा सके और इस पानी को आम दिनचर्या के लिए इस्तेमाल किया जा सके। ऐसे में इस खास वाटरलेस बॉडी वॉश जेल के काफी मात्रा में पानी की बचत होगी।

Home / Science & Technology / सियाचिन में पड़ती है खून जमा देने वाली ठंड, माइनस 28 डिग्री सेल्सियस में ऐसे नहाते हैं यहां पर तैनात जवान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो