लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक टाइम्ड अंतरिक्ष यान पृथ्वी के वायुमंडल पर सूर्य के प्रभावों की निगरानी करता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर टक्कर होती तो सैटेलाइट नष्ट हो जाता। इससे अंतरिक्ष में बड़ा मलबा फैलता, जो बाकी सैटेलाइट्स के लिए खतरनाक होता। नासा और रक्षा विभाग के प्रतिनिधियों ने एक बयान में कहा, बेहतर है कि टक्कर टल गई। अंतरिक्ष में पहले से काफी मलबा है, जो सैटेलाइट्स के लिए खतरा बना हुआ है।
अंतरिक्ष में बढ़ते कबाड़ से चिंतित पृथ्वी की निचली कक्षा (180-2000 किमी की ऊंचाई) में इस तरह के टकराव को केसलर सिंड्रोम कहा जाता है। हालांकि इस तरह की कोई बड़ी टक्कर अब तक नहीं हुई है। वैज्ञानिक उपग्रहों और अंतरिक्ष कबाड़ की बढ़ती संख्या को लेकर चिंतित हैं। नासा के मुताबिक रक्षा विभाग अंतरिक्ष में 30,000 सबसे बड़े मलबे के टुकड़ों को ट्रैक करता है। टुकड़े सैटेलाइट्स और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए खतरा है।
समस्या से निपटने पर मंथन वैज्ञानिक अंतरिक्ष कबाड़ की समस्या से निपटने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की एक टीम ने लेजर से विस्फोट कर अंतरिक्ष से छोटे कबाड़ को हटाने का प्रस्ताव रखा है, जबकि यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने चार रोबोट लॉन्च करने की योजना बनाई है। ईएसए 2025 में इस मिशन को लॉन्च करने पर काम कर रहा है।