लचीली है भारतीय अर्थव्यवस्था
अंकटाड के क्रिएटिव इकोनॉमी कार्यक्रम की प्रमुख मेरिसा हैंडरसन के अनुसार, “वैश्विक व्यापार में गिरावट से हालांकि सभी उद्योगों पर असर पड़ता है लेकिन रिपोर्ट बताती है कि रचनात्मक अर्थव्यवस्था ज्यादातर की तुलना में ज्यादा लचीली है।” उन्होंने कहा, “रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उत्साह बढ़ाने वाला है और बताता है कि यह संस्कृति, प्रौद्योगिकी, व्यापार और नवोन्मेष के मिलन से पूरी हो रही है।”
सबसे बड़े बाजारों में एक है भारत
रिपोर्ट के अनुसार, “गेम डेवलपमेंट और गेम सपोर्ट सर्विस जैसी बाहरी स्रोत से काम कराने में भारत केंद्र बन चुका है। कम कीमतों और विश्वस्तरीय गेम डेवलपमेंट अनुभव वाले गेम डेवलपर्स के सुलभ होने से भारत आने वाले सालों में विभिन्न गेम के विकास, पोर्ट और डबिंग का केंद्र बन सकता है।” इसके अनुसार, 35 करोड़ की युवा जनसंख्या वाला भारत वैश्विक गेमिंग उद्योग के सबसे बड़े बाजारों में से भी है।
सरकार बना रही वीएफएक्स और एनीमेशन उद्योग के अनुकूल नीतियां
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका, कनाडा जैसे स्थापित और कोरिया गणराज्य, फ्रांस, चीन और मलेशिया जैसे उभरते बाजारों को चुनौती देने के लिए भारत में सरकारें वीएफएक्स और एनीमेशन उद्योग के अनुकूल नीतियां लागू कर रही हैं। अंकटाड ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया। इसके अनुसार महाराष्ट्र सरकार नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन एनीमेशन, वीएफएक्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स स्थापित करने में सहयोग कर रही है। कर्नाटक ने फाइन आर्ट स्कूलों के पाठ्यक्रम में डिजिटल आर्ट्स को शामिल किया है और तेलंगाना एक इंक्यूबेशन सेंटर तैयार कर रहा है।