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नील आर्मस्ट्रांग ने चांद से वापस आते ही मांगी थी इंदिरा गांधी से माफी, ये थी इसके पीछे की वजह

locationनई दिल्लीPublished: Nov 03, 2019 01:29:36 pm

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

नील ने 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर पहला कदम रखा था

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नई दिल्ली: चांद मिशन पिछले कुछ समय से हमारे इर्द-गिर्द घूम रहा है। जहां इसके पीछ चंद्रयान-2 एक कारण हो सकता है, तो वहीं नासा का अपोलो-11 स्पेस मिशन भी काफी अहम है। चांद पर सबसे पहले बतौर इंसान जाने वाले नील आर्मस्ट्रांग ने 20 जुलाई 1969 को चांद की सतह पर पहला इंसान का पांव रखकर इतिहास रचा था। लेकिन क्या आप जानते हैं जब वो धरती पर वापस आए थे, तो उन्होंने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से माफी मांगी थी। चलिए जानते हैं क्यों।

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नील से की थी शिकायत

नील आर्मस्ट्रांग चांद से धरती पर लौटने के बाद विश्व यात्रा पर निकले थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात इंदिरा गांधी से हुई। वहीं 16 जुलाई 1969 को कैनेडी स्पेस सेंटर लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39 ए में सुबह 08 बजकर 32 मिनट पर Saturn V rocket को लॉन्च किया गया था। वहीं भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस ऐतिहासिक पल को देखने के लिए सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक जागी रही थीं, जिसकी शिकायत उन्होंने नील से की थी।

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छा गई थी अजीब सी खामोशी

अपनी विश्व यात्रा के दौरान नील दिल्ली भी आए। यहां उनकी मुलाकात इंदिरा गांधी से हुई। उस दौरा भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह नील आर्मस्ट्रांग और उनके सहयोगी एल्विन एल्ड्रिन को संसद भवन कार्यालय में इंदिरा गांधी के कमरे में लेकर गए। उस समय तत्कालीन अमेरिकी राजदूत भी वहां मोजूद थे। इस दौरान फोटोग्राफर ने इंदिरा और अंतरिक्ष यात्रियों की फोटो खींची और वो बाहर चले गए, लेकिन इसके बाद कमरे में एक अजीब सी खामोशी छा गई।

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इस तरह मांगी माफी

इसके बाद इंदिरा गांधी के द्वारा बोलने के संकेत दिए जाने पर नटवर सिंह ने कहा – ‘मिस्टर आर्मस्ट्रांग आपको ये जानने में दिलचस्पी होगी कि पीएम सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक जागती रही थीं क्योंकि वो चांद पर आपको उतरते देखना चाहती थी और उस लम्हे को खोना नहीं चाहती थीं।’ इस पर नील ने बड़ी ही विनम्रात से कहा कि मैडम प्रधानमंत्री आपको हुई असुविधा के लिए मैं खेद व्यक्त करता हूं। अगली बार मैं सुनिश्चित करूंगा कि जब हम चंद्रमा पर उतरें तो आपको इतना न जागना पड़े। पूर्व विदेशमंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब में इसका जिक्र किया है।

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