जिले में प्री मानसून एक्टिविटी के साथ 24 घंटे में रविवार सुबह 8 बजे तक आष्टा में सर्वाधिक 12 तो सीहोर में सात एमएम (मिलीमीटर) बारिश रेकॉर्ड हुई है। वहीं अन्य तहसील में बारिश का आंकड़ा कम रहा है। हालांकि दिन में कही से भी बारिश होने के खबर नहीं मिली। ऐसे में बारिश के चलते कई जगहों पर सड़कों में तक पानी भर गया। वहीं बारिश से दिन और रात के तापमान में कमी आई है।
वहीं मौसम विभाग की मानें तो अब हर दिन पांच से सात एमएम बारिश होने का अनुमान है। हालांकि तेज बारिश की दस्तक 15 जून के बाद ही होगी। ऐसे में लोगों को तेज बारिश होने का कुछ दिन और इंतजार करना पड़ेगा। वहीं मौसम के जानकारों के अनुसार प्रदेश में मानसून का आगमन 20 जून से होगा।
दरअसल मौसम के अचानक यूटर्न लेने से दोपहर बाद शनिवार को सीहोर में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया था। सीहोर, आष्टा सहित अन्य जगह यह बारिश रुक-रुककर रात तक बरसती रही थी। भू अभिलेख के अनुसार 24 घंटे में रविवार सुबह आठ बजे तक जिले की औसत बारिश 4.3 एमएम रेकार्ड हुई है।
सीहोर : 7.0
श्यामपुर : 5.0
आष्टा : 12.0
जावर : 2.0
इछावर : 8.0
नसरुल्लागंज : 00
बुदनी : 00
रेहटी : 00 नोट: भू अभिलेख के अनुसार 24 घंटे में रविवार सुबह 8 बजे तक दर्ज बारिश है।
— डॉ. एसएस तोमर, मौसम वैज्ञानिक आरएके कॉलेज सीहोर
वहीं प्रदेश के कई जिलों में बारिश ने इस बार किसानों को असमंजस में डाल दिया है। खेत बोवनी के लिए तैयार है। विदिशा में खाद-बीज की व्यवस्था भी किसान कर रहे हैं, लेकिन बारिश नहीं हो रही। किसानों का कहना है कि जिले में 10 जून से मानसून आ जाता है लेकिन पिछले कुछ दिनों से बादल घिर तो रहे हैं पर बरस नहीं रहे, जबकि गत वर्ष इस समय तक जिले में 98.6 मिमी बारिश हो चुकी थी। खेत पानी से लबालब थे और बोवनी के लिए बारिश के रुकने का इंतजार किया जा रहा था।