सीहोर। दसवीं की छात्रा से शादी का झांसा देकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को जिला अदालत ने दस साल का कारावास की सजा सुनाई। छात्रा की मां अपनी बेटी के अपहरण से इतनी व्यथित हो गई थी कि पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद उसने भी आत्महत्या कर ली थी।
विशेष न्यायाधीश राकेश श्रोत्रिय ने इस मामले में आरोपी पर 15 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया। जिला अभियोजन अधिकारी निर्मला चौधरी ने बताया कि दो अप्रैल 2015 को बडऩगर निवासी महिला ने कोतवाली पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कर बताया था कि वह1 अप्रैल की रात खाना खाने के बाद अपनी बेटी के पास सो रही थी। रात को दो बजे के करीब वह जागी तो देखा कि उसकी बेटी वहां नहीं थी। इस दौरान क्षेत्र का ही भगवान सिंह परमार (24) भी गायब था। महिला ने बेटी भगवान सिंह परमार के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था। इसके बाद महिला ने आत्महत्या कर ली। कोतवाली पुलिस ने पीडि़़ता को 8 अप्रैल 2015 को े बरामद किया। उसने बताया कि शादी का झांसा देकर भगवान सिंह ने एक अप्रैल की रात को उसे अपने घर बुलाया। मना करने पर जबरदस्ती मुहं दबाकर खेत में ले गया और उसके साथ गलत काम किया। बाद में आरोपी मंदिर ले गया और शादी करने कहकर अपने को पत्नी मानने का कहना लगा। आरोपी ने उसे उज्जैन भी ले गया। वहां भी उसके साथ बुरा काम किया। इसी दौरान मां की मौत की सूचना मिली तो उसने घर छोडऩे का कहा। बाद वह पुलिस तक पहुंची। कोर्ट ने धारा 363 में पांच साल का कारावास और दो हजार अर्थदंड, 366-ए में सात साल का कारोवास और तीन हजार का अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का सरंक्षण अधिनियम के तहत दस साल के कारवास और दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।