हर पहले और दूसरे दिन हादसे होने के मामले सामने आ रहे हैं।इसमें किसी की जान जा रही हैतो कोई अस्पताल का मुंह देख रहा है।इसमें सबसे ज्यादा हादसे ओवरलोडिंग के कारण हो रहे हैं।बावजूद इस पर लगाम नहीं लग रही है।लोडिंग, ट्रक वाहनों के अलावा इस समय मेटाडोर आदि वाहनों को भी ओवरलोडिंग में बदल दिया गया है।यह तक ही नहीं इनसे सामान के अलावा सवारियों का भी लाना ले जाना हो रहा है।सवारियों को इस तरह से बैठाया जा रहा हैकि लटकते हुए जाते हंै।जरा सी अनदेखी से वाहन में बैठे लोगों की जान जा सकती है।इसके बाद भी चालक लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं।पत्रिका ने ऐसे वाहनों की पड़ताल की तो नजारा चौकाने वाला सामने आया।कई वाहन ऐसे मिले जिनमें सामान के साथ क्षमता से अधिक लोग बैठे थे।
मजदूरों को भरकर ले जा रहे ग्रामीण क्षेत्र में सोयाबीन कटाई का काम जोरशोर से चल रहा है।मजदूरों को खेत तक ले जाने भी मेटाडोर, ट्रैक्टर-ट्रालियों का उपयोग किया जा रहा है।इसमें मनमाने तरीके से लोगों को बैठा लिया जाता है। दो सप्ताह के अंदर मजदूरों से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पलटने के दो मामले सामने आ चुके हैं।इसमें कई यात्री घायल हो चुके हैं।बावजूद इसके अनदेखी का आलम थमने का नाम नहीं ले रहा है।शहर से भी मजदूरों को ले जाने का काम हो रहा है।
कृषि के साथ सभी काम में उपयोग ऐसा नहीं हैकि यातायात पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।उनकी कार्रवाई चैकिंग तक सीमित हो जाती है।कई बार चालानी कार्रवाई की जाती है।इसके बाद भी चालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।उनकी लापरवाही लगातार जारी है।लोगों ने बताया कि ओवरलोडिंग नहीं रूकी तो यह आमजन के लिए कभी भी बड़ी घटना का कारण बन सकती है।बता दे कि ट्रैक्टर-ट्रालियों का उपयोग कृषि कार्य के लिए निर्धारित किया है।फिर भी किसान इनसे सभी काम कर रहे हैं।
कार्रवाई की जाएगी हमारी तरफ से लगातार यातायात नियमों का पालन नहीं करने और ओवरलोडिंग वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। आरएस बघेल, यातायात प्रभारी सीहोर