किसानों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।अब टमाटर के दाम नहीं मिलने से किसान परेशान है। जिले में अनेक स्थानों पर जहां-तहां टमाटर सड़क किनारे बिखरे नजर आ आ रहे हैं।
जब किसानों से इस तरह सड़क पर टमाटर फेंकने की वजह जाननी चाही तो सामने आया कि किसान टमाटर की खेती को लेकर नाखुश हैं। टमाटर की खेती करने में जितनी लागत लगाई थी वह भी नहीं निकल पा रही है। खेत में खड़ी टमाटर की फसल को देखकर किसान हाथ मलते नजर आ रहा है तो वहीं कोल्ड स्टोरज की कमी भी खल रही है।
मुख्यमंत्री के बुदनी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले ग्राम बकतरा सहित पड़ौस के चालीस से अधिक गांवों के किसान टमाटर की खेती करते हैं। जब भाव नहीं रहते तब भी पक चुके टमाटर को बेचना मजबूरी होती है।
वहीं अगर कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था मिल जाए तो अच्छे भाव का इंतजार किया जा सकता है। ग्राम आमोन निवासी ब्रजेश कुमार का कहना है कि करीब छह लाख रुपए का कर्ज साहूकारों से लेकर चार एकड़ खेत में टमाटर की फसल लगाई थी।
पैदावार भी अच्छी रही, लेकिन अब भाव नहीं मिल रहा। उन्होंने बताया कि अब तक चालीस हजार रुपए के टमाटर बेच चुके है लागत ही नहीं निकल पा रही, अब कर्ज चुकाने की चिंता सता रही है।
लागत तक निकालना हो रहा मुश्किल:
ग्राम आमोन निवासी किसान पप्पू चौहान ने बताया कि 100 कैरेट टमाटर भोपाल मंडी बेचने के लिए भेजे थे जहां टमाटर चालीस रुपए प्रति कैरेट के हिसाब से बिका।
ग्राम आमोन निवासी किसान पप्पू चौहान ने बताया कि 100 कैरेट टमाटर भोपाल मंडी बेचने के लिए भेजे थे जहां टमाटर चालीस रुपए प्रति कैरेट के हिसाब से बिका।
मंडी में टमाटर बेचने के बाद खर्च (मोटर भाड़ा, हम्माली, मंडी खर्च, व्यापारी नकदी) निकालकर 680 रुपए हाथ आए। पप्पू चौहान ने बताया कि खेत से सौ कैरेट टमाटर तुड़वाने का मजदूरी खर्चा ही करीब तीन हजार रुपए आता है ऐसे में लागत तो क्या टमाटर तुड़़वाने का खर्च ही नहीं निकल पा रहा है।
सीहोर मंडी में आ रहा पांच सौ से सात सौ कैरेट टमाटर:
सब्जी मंडी के थोक व्यापारी शादाब खान कहते हैं कि इस साल मंडी में टमाटर की भरपूर आवक आ रही है, लेकिन खरीदार नहीं होने के कारण टमाटर के भाव नहीं मिल रहे हैं।
सब्जी मंडी के थोक व्यापारी शादाब खान कहते हैं कि इस साल मंडी में टमाटर की भरपूर आवक आ रही है, लेकिन खरीदार नहीं होने के कारण टमाटर के भाव नहीं मिल रहे हैं।
मंडी में टमाटर की रोजाना पांच सौ से सात सौ कैरेट आ रही है। एक कैरेट में करीब 25 से 30 किलो टमाटर आता है। इस एक कैरेट के मंडी में ३० से ४० रुपए मुश्किल से मिल रहे हैं। लेबर भी नहीं निकलने के कारण किसान टमाटर सड़कों पर फेंकने मजबूर हो रहे हैं।