क्षेत्र के ग्राम बिजलोन में तो यह हालात है कि जल स्तर नीचे जाने से नल-जल योजना के तहत लगे बोर में दो माह से पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में नल-जल योजना बंद पड़ी हुई है। गांव के सभी हैंडपंप बंद पड़े हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को रतजगा तक करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीण दो किमी दूर खेतों से बाइक, बैलगाड़ी, साइकिल से पानी लाने को मजबूर हैं। ग्राम टिटोरा में नल-जल योजना की मोटर पांच दिनों से खराब पड़ी है। वहीं गांव में लगे सभ 07 हैंडपंप दम तोड़ चुके हैं। इसी प्रकार रामाखेड़ी में लगे 08 हैंडपंपों से पानी नहीं आ रहा है। ऐसे में लोगों को पेयजल की व्यवस्था करने में काफी दिक्कत हो रही है।
3 हजार की आबादी वाले गांव बमूलिया में तो यह हालात हैं कि गांव में लगे 22 हैंडंपपों में से एक मात्र हैंडंपप में पानी आ रहा है। जिस पर दिनभर लोगों की भीड़ लगी रहती है। ग्रामीण भोपालसिंह परमार, सुहागमल परमार ने बताया कि गांव में बनी पेयजल टंकी का निर्माण कार्य ठेकेदार की मनमानी के चलते दो वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। अगर पेयजल टंकी बन चुकी होती तो हम ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ता। अफसरों से लेकर, जनप्रतिनिधियों तक को अवगत करा चुके हैं, इसके बावजूद भी हमारी समस्या की ओर किसी ने ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। इसी प्रकार सागौनी, इमलीखेड़ा, शिकारपुर, खुटियाखेड़ी में भी भीषण जल संकट बना हुआ है।
नपं अमले ने किया मोटर पंप जब्त
नसरुल्लागंज. नगर परिषद द्वारा भीषण गर्मी में नगर के जल संकट को देखते हुए, जल प्रदाय पाइप लाइन में अवैध रूप से किए गए नल कनेक्शन एवं पाइप लाइन में विद्युत मोटर लगाकर व्यर्थ पानी बहाने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई की है। निरीक्षण के दौरान निकाय की जल प्रदाय पाइप लाइनों में अवैध रूप से विद्युत मोटर पंप लगाकर पानी का दुरूपयोग किए जाने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई करते हुए मोटर पंप जब्त किए हैं। दल द्वारा वार्ड 01 में दो और वार्ड 02 में भी दो मोटर पंप जब्त किए हैं। जिससे से सभी को पर्याप्त पानी मिल सके।
नल-जल योजना के तहत बोर में जल स्तर नीचे जाने के कारण पानी आना बंद हो गया है। जिससे जल संकट की स्थिति निर्मित हुई है। पीएचई विभाग को नए बोर खनन के लिए अवगत कराया गया है।
ललता जाटव, सरपंच, ग्राम पंचायत बिजलोन
नल-जल योजना के तहत जो मोटर पंप खराब पड़े हंै, उन्हें सुधरवाया जाएगा। साथ ही नए नल-कूप खनन भी करवाए जाएंगे।
एसके जैन, ईई, पीएचई विभाग सीहोर