नगर में अनंत चतुर्दशी पर भगवान गणेश विसर्जन देर रात तक टाउन हाल के पास बनाए गणेश विसर्जन स्थल सहित सीवन नदी सहित अन्य स्थानों पर चलता रहा। कार्यकर्ताओं ने देर रात तक नदी घाट पर भगवान गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता रहा। इसके कारण विसर्जन स्थल पर गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयघोष गूंजते रहे। इसके पहले शहर में भगवान गजानंद का दस दिवसीय त्योहार के अंतिम दिन सुबह से ही गणेश पंडालों पर पूजन, पाठ, हवन, भंडारे, महाआरती और महाप्रसादी का दौर शुरू हो गया था। अनंत चुतर्दशी अवसर पर नयनाभिराम झांकियों की चकाचौंध में शहर रातभर जागता रहा। कोतवाली चौराहे से शुरू हुआ झांकियों का कारवां देररात तक मैन रोड नजर आया। इस दौरान झांकियां के आगे चल रहे अखाड़े के कलाकारों द्वारा दिखाए गए हैरत अंगेज करतबों ने लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने पर मजबूर कर दिया।
आष्टा. शहर में भी दर्जनों स्थानों पर भगवान गणेश विराजमान थे। प्रतिदिन सुबह शाम पूजा अर्चना के साथ पूरा माहौल धर्ममय बना हुआ था। हर तरफ चारों तरफ गणपति की गूंज ही सुनाई दे रही थी। रविवार को अनंत चर्तुदशी के मौके पर चल समारोह के रूप में बप्पा की विदाई हुई। अलीपुर चौराहे पर अलीपुर हिन्दू उत्सव समिति के नेतृत्व में गणेश उत्सव समिति के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं का स्वागत किया गया। इस मौके पर हिउस अध्यक्ष राजेंद्र जैन, प्रमोद ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, रमेश परमार, समिति अध्यक्ष आशू शर्मा, कमलेश जैन, दीपक नामदेव आदि उपस्थित थे।
मैना. गणेश उत्सव समितियों ने भगवान गणेश की प्रतिमाओं की झांकी सजाकर गांव में चल समारोह निकालकर प्रतिमाओं का विसर्जन किया। गणेश उत्सव समिति के सदस्यों ने अपने पांडालों में भगवान गणेश के समक्ष विश्व शांति के लिए हवन पूजन कर आहुतियां दी। इसके बाद भगवान गणेश की आरती की गई। शाम को भगवान गणेश की झांकी सजाकर डीजे के साथ चल समारोह प्रारंभ होकर ग्राम के प्रमुख मार्गो से निकला।
बरखेड़ी/बुदनी. क्षेत्र में अनंत चर्तुदशी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन जुलूस के साथ किया गया। विसर्जन से पूर्व हवन पूजन के साथ भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। इस दौरान गणपति बप्पा मोरिया के जयकारों के साथ भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। गांव रलावती में भंडारे का आयोन हुआ। इसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की।