जिला अस्पताल के डाक्टर और स्टाफ के खिलाफ बुधवार को पार्षदों ने मोर्चा खोल दिया। पार्षदों का आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ आए दिन मरीज व परिजनों से अभद्र व्यवहार करता है। अपनी कमाई के चलते गरीबों को निजी क्लीनिकों पर उपचार के बहाने प्रताडि़त किया जाता है। अस्पताल से ज्यादा डाक्टर अपने क्लीनिकों पर ध्यान देते हंै। गरीब और मजबूर मरीज के साथ आए दिन अभद्रता की जाती है। मंगलवार की रात भी डाक्टर अमित और स्टाफ नर्स ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया। जिसका विरोध करने पर पार्षद आकाश रोहित के खिलाफ झूठा प्रकरण कोतवाली थाने में दर्ज कराया।
एक तरफा कार्रवाई के खिलाफ नपा के सभी पार्षद अस्पताल के गेट पर धरना देकर बैठ गए। नपा उपाध्यक्ष प्रतिनिधि सुशील ताम्रकार ने बताया कि जिला अस्पताल में आए दिन लापरवाही सामने आ रही है। रूपयों के लालच में अपने आप को न सुधारते हुए मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। विरोध करने वाले के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करवाकर फंसाया जाता है।
अगर जिला प्रशासन ने लापरवाह डाक्टर और स्टाफ के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं और पार्षद पर दर्ज कराए प्रकरण को वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। धरना स्थल पर विरोध करने वालो में मनोज राय, धर्मेन्द्र भिलाला, गुलाब मालवीय, दिनेश सक्सेना, विशाल राठौर, मुकेश मेवाड़ा, रमेश राठौर, गोपाल बिसोरिया, विजेन्द्र परमार, विरेन्द्र सलुजा, संतोष शाक्य, कपिल कुशवाहा, नरेन्द्र खंगराले, रामप्रकाश चौधरी, आकाश जैन सहित अन्य पार्षद मौजूद रहे।