इसी तरह एक तौल कांटे में तीन से चार किलो का अंतर सामने पाया गया। शिकायत के बाद सोमवार से तुलाई सेंटर पर दस नए तौल कांटे उपलब्ध कराने की बात नापतौल विभाग ने की है।
सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम मिल सके, इसके लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना सहित अन्य उपज की खरीदी की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी किसानों के साथ ठगी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
शनिवार की शाम ग्राम सेमरादांगी के किसान कृपाल दांगी ने कम तुलाई को लेकर हंगामा कर दिया। किसान ने बताया कि घर से ३४ क्विंटल ७० किलो चना तोलकर लाए थे। जहां तुलाई करने पर ३२ क्विंटल २८ किलो ही निकला। शंका होने पर चने की एक कट्टी अन्य तौल कांटे पर रखकर देखी तो चने की कट्टी का वजन ५४ किलो २०० ग्राम निकला, वहीं पहले कांटे पर कट्टी का वजन ५० किलो ७०० ग्राम था। किसानों ने एक-एक कट्टी पर चार किलो के अधिक उपज तौली जा रही थी। मामले को लेकर खरीदी प्रभारी विजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि कांटे में खराबी निकली है। किसान को वजन बढ़ाकर दे दिया है। दूसरे कांटे से तुलाई शुरू की गई है।
चारों कांटों में २०१६ की लगी मिली सील, एक कांटे में मिला चार किलो का अंतर
गल्ला मंडी में हंगामें की सूचना पर नापतौल विभाग का अमला मंडी पहुंचा था। नापतौल विभाग ने तौल कांटों की जांच की गई तो चारों कांटों में सील २०१६ की पाई गई। इसके साथ एक कांटे में करीब चार किलो का अंतर मिला। नापतौल विभाग की माने तो समर्थन केन्द्र पर दस नए तौल कांटे रखवाए जा रहे हैं। इसके साथ ही किसानों को परेशानी नहीं आए, इसके लिए भी कलेक्टर साहब से चर्चा की जा रही है।
-राजेश पिल्लई, नाप तौल निरीक्षक