पारदर्शी पॉलीथिन से श्रीगणेश के दर्शन
जिला मुख्यालय स्थित प्राचीन गणेश मंदिर पर कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गर्भगृह के बाहर बने हॉल में सोशल डिस्टेंस का पालन कराने के लिए जालियां लगाई गई हैं। हॉल और गर्भगृह के बाहर बने कमरे के बीच एक पारदर्शी पॉलीथिन लगाई गई है, जिसके अंदर किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। श्रद्धालु पॉलीथिन के बाहर से भी भगवान गणेश के दर्शन कर रहे हैं। मनकामेश्वर मंदिर पर गर्भगृह में प्रवेश बंद रहा है, यहां श्रद्धालु बाहर से दर्शन कर रहे हैं।
दो शिफ्ट में होंगे भोलेनाथ के दर्शन
आष्टा के प्राचीन शंकर मंदिर के करीब 70 दिन बाद पट खुले हैं। पहले दिन सोमवार को 100 से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के दर्शन किए। मंदिर के पुजारी हेमंत गिरी ने बताया कि मंदिर दो शिट में खुलेगा। सुबह 5.30 से 11.30 बजे और शाम 5.30 से 9.30 बजे तक भगवान के दर्शन हो सकेंगे। कोरोना संक्रणम से पहले आमदिन में प्रतिदिन 300 से अधिक श्रद्धालु आते थे, लेकिन पहले दिन इनकी संख्या काफी कम हो गई है। श्रद्धालु घर से बाहर कम निकल रहे हैं। कोरोना से सुरक्षा को लेकर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बाहर हाथ धोने साबुन, सैनेटाइजर की
व्यवस्था की है।
सलकनपुर में महाअरती के बाद हुई बैठक
मॉ विजयासन धाम में सबसे पहले महाआरती की गई। महाआरती में सांसद रमाकांत भार्गव, कलेक्टर अजय गुप्ता, एसपी एसएस चौहान, श्री देवी मंदिर समिति सलकनपुर के सचिव आरके दुबे मुख्य रूप से मौजूद थे। महाआरती के बाद जनप्रतिनिधि और अफसरों की बैठक हुई, जिसमें व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई। इसके दुकानदारों ने प्रसाद और पूजन सामग्री की दुकान खोलने को लेकर अफसर और जनप्रतिनिधियों से चर्चा की, जिसे लेकर गाइड लाइन के अनुरूप दुकान खोलने की अनुमति दी गई। प्रशासन, जनप्रतिधि और दुकानदारों के बीच हुई बैठक में कोरोना गाइड लाइन का खुलकर उल्लंघन हुआ। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक पहले दिन एक हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं, हालांकि मेडिकल टीम की रिपोर्टिंग के मुताबिक स्क्रीनिंग सिर्फ 120 व्यक्तियों की की गई है।