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सीहोर

MP में लाइफ सपोर्ट 108 को भी ‘इमरजेंसी सपोर्ट’ की जरूरत!

जिला अस्पताल की 108 एम्बुलेंस दो दिन से बंद, बुदनी, बिलकिसगंज और शाहंगज में भी यही हाल…

सीहोरOct 20, 2019 / 02:21 pm

दीपेश तिवारी

MP में लाइफ सपोर्ट 108 को भी 'इमरजेंसी सपोर्ट' की जरूरत!

MP में लाइफ सपोर्ट 108 को भी ‘इमरजेंसी सपोर्ट’ की जरूरत!

सीहोर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे सीहोर के जिला अस्पताल की लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस को सपोर्ट की दरकार है। तकनीकी खराबी के कारण दो दिन से इमरजेंसी में उपयोग की जाने वाली लाइफ सपोर्ट 108 एम्बुलेंस खराब पड़ी है।
सीहोर जिला अस्पताल जैसे ही हाल शाहगंज, बुदनी और बिलकिसगंज की एम्बुलेंस के हैं। मेंटेनेंस होने के कारण यहां पर भी एम्बुलेंस खराब पड़ी हैं। इमरजेंसी में गांव से अस्पताल तक मरीजों को पहुंचने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार की इमरजेंसी सेवा 108 एम्बुलेंस का मरीजों को लाभ नहीं मिलने के पीछे मुख्य कारण निजी एजेंसी जिगित्सा हेल्थ केयर की लापरवाही। जिगित्सा हेल्थ केयर समय पर वाहनों का मेंटनेंस नहीं करा रही है, जिस कारण लोग परेशान हो रहे हैं।
जिले में चार जगह की एम्बुलेंस खराब: इमरजेंसी में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सीहोर जिले की 16 इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस हैं। इन एम्बुलेंस की हालत बहुत खराब हो गई है।

एम्बुलेंस का समय पर मेंटेनेंस कराने की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी के है, लेकिन अधिक लाभ कमाने के चक्कर में कंपनी समय पर वाहनों का मेंटेनेंस नहीं करा रही है, जिसके कारण मरीज और वाहनों पर तैनात स्टाफ परेशान हो रहा है। इस समय सीहोर जिले की 16 गाडिय़ों में से चार बंद हैं। जिले की सबसे प्रमुख एम्बुलेंस लाइफ सपोर्ट भी खराब पड़ी है।
एम्बुलेंस पर तैनात स्टाफ की माने तो 16 में से 10 की हालत खराब है, लेकिन जिम्मेदार वाहनों का मेंटेनेंस नहीं करा रहे हैं। शनिवार को शाहगंज में एम्बुलेंस पर मदद के लिए तीन कॉल आए, लेकिन मरीजों को मदद नहीं मिली।

जिले में संचालित 16 में से 10 एंबुलेंस की हालत खराब है। कई में वरिष्ठ अधिकारियों से मेंटेनेंस की मांग कर चुके, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वाहन खराब होने के कारण मरीज परेशान हो रहे हैं।
– राम परमार, प्रदेश अध्यक्ष, 108 कर्मचारी संघ
दूसरे वाहनों से ज्यादा ले रहे किराया
जिले में हर सप्ताह एक-दो गाडिय़ां खराब हो रही हैं। गाडिय़ों की यह हालत तब है जब सरकार से निजी एजेंसी जिगित्सा हेल्थ केयर 21 रुपए प्रति किलोमीटर से ज्यादा की राशि वसूल रही है।
जिगित्सा हेल्थ केयर कंपनी दूसरी एम्बुलेंस से ज्यादा पैसा वसूल करने के बाद भी अच्छी सुविधा नहीं दे पा रही है। कंपनी की सेवाओं से 108 एम्बुलेंस पर तैनात अमला भी खुश नहीं है। जिगित्सा हेल्थ केयर के खिलाफ एम्बुलेंस का स्टाफ भी हर दूसरे-तीसरे महीने शिकायत करता रहता है।
रात को डेढ़ घंटे रास्ते में करना पड़ा इंतजार
रेहटी के पाटनी निवासी शेरसिंह कलमे ने अपने के छोटे भाई की पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर डिलेवरी के लिए अस्पताल पहुंचाने जननी 108 एम्बुलेंस को कॉल किया।
रेहटी से जननी एक्सप्रेस 108 एम्बुलेंस पाटनी पहुंची और प्रसूता को लेकर रेहटी अस्पताल के लिए रवाना हुई। गांव से निकलकर कुछ दूरी पर एम्बुलेंस खराब हो गई।

एम्बुलेंस के स्टाफ ने बुदनी अस्पताल से दूसरा जननी वाहन बुलाया, डेढ़ घंटे तक रात में प्रसूता और परिजन रास्ते में पड़े रहे, तब कहीं दूसरे वाहन के पहुंचने पर अस्पताल पहुंच पाए।
कहां की एम्बुलेंस खराब
जिला अस्पताल: तकनीकी खराबी के कारण से बंद है, दो दिन से बंद है।
शाहगंज: टायर खराब होने के कारण शनिवार सुबह से बंद कर दी गई है।
बुदनी: लाइट और हार्न खराब होने के कारण तीन दिन से बंद पड़ी है।
बिलकिसगंज: तकनीकी खराबी के कारण शनिवार से बंद हो गई है।
ये हैं हाल
जिले में एंबुलेंस : 16
खराब एंबुलेंस : 04
महीने का टारगेट : 1500 से 1800 मरीज

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