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सीहोर

रेत के अवैध उत्खनन के लिए माफिया अपना रहा नित नए हथकंड़े

खनिज, पुलिस और राजस्व अमले के लगातार कार्रवाई करने पर भी नहीं थमा अवैध कारोबार

सीहोरJan 23, 2020 / 12:20 pm

Kuldeep Saraswat

रेत के अवैध उत्खनन के लिए माफिया अपना रहा नित नए हथकंड़े

रेत के अवैध उत्खनन के लिए माफिया अपना रहा नित नए हथकंड़े

सीहोर. रेत का अवैध उत्खनन रोकने खनिज, पुलिस और राजस्व अमला निरंतर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन अवैध कारोबार थम नहीं रहा है। रेत माफिया और कारोबारी अवैध परिवहन और उत्खनन के लिए नित नए हथकंड़े अपना रहे हैं। कई बार तो ऐसा हथकंड़ा अपनाते हैं कि कार्रवाई करने वाले अफसर की चकमा खा जाते हैं।

बीते तीन महीने में पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग की कार्रवाई के दौरान कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जो चौकाने वाले हैं, इसमें सबसे अहम यह है कि रेत तो नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन कर निकाली जाती है और रॉयल्टी दूसरे जिलों में संचालित पंचायत की खदानों से ऑनलाइन जनरेट कराते हैं। ग्राम पंचायत के माध्यम से संचालित रेत खदानों से रॉयल्टी जनरेट करने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने को लेकर अफसर भी ज्यादा हस्तक्षेप नहीं कर पाते हैं। ऑनलाइन रॉयल्टी जनरेट करने की प्रक्रिया का रेत माफिया खूब फायदा उठा रहे हैं।

 

पुलिस से ज्यादा सक्रिय है मुखबिर तंत्र
सीहोर जिले में रेत माफिया ने अवैध कारोबार को अंजाम देने के लिए पूरा नेटवर्क बना रखा है। यह नेटवर्क इतना सख्त है कि पुलिस, राजस्व और खनिज विभाग में रेत के अवैध उत्खनन को रोकने के लिए जैसे ही अफसर योजना बनाते हैं, योजना पर अमल होने से पहले इसकी जानकारी माफिया तक पहुंच जाती है। कई बार ऐसा देखने में आया है जब अफसर ऑफिस से गाडिय़ों पर बैठकर रेत खदान पर कार्रवाई करने के लिए निकले हैं और उससे पहले इसकी खबर रेत का अवैध उत्खनन करने वाले व्यक्तियों तक पहुंच गई है। नसरुल्लागंज में 17 जनवरी को भी कुछ ऐसा ही हुआ था। नीलकंठ घाट पर करीब 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली में रेत अवैध उत्खनन कर भरी जा रही थी। एसडीओपी प्रकाश मिश्रा और तहसीलदार पीसी पांडे कार्रवाई के लिए निकले, अफसरों के पहुंचने से पहले 22 ट्रैक्टर-ट्रॉली निकल गए।

माफिया ये अपना रहा हथकंड़े
– नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन कर रेत सीहोर जिले की सीमा से भरी जाती है और रॉयल्टी प्रदेश के दूसरे जिलों में संचालित ग्राम पंचायत की खदानों की जनरेट कराते हैं। दो महीने पहले एक ऐसा मामला सामने आया था, जिसमें छिंदवाड़ा जिले की रॉयल्टी जनरेट की गई और रेत सीहोर से अवैध उत्खनन कर निकाली गई।


– रेत माफिया अवैध उत्खनन कर डंपर निकालते हैं। यदि रास्ते में अफसर पकड़ लेती है तो ड्राइवर फरार हो जाता है और बाद में वाहन मालिक ऑनलाइन दूसरे जिले की खदान से रॉयल्टी जनरेट करा अफसरों को दिखा देते हैं। इस तरह रेत माफिया अवैध उत्खनन पर में होने वाली कार्रवाई से बच जाता है। 20 जनवरी को नसरुल्लागंज में पुलिस द्वारा जब्त डंपर क्रमांक एमपी 09 एचएस 1456 की पकड़े जाने के बाद रॉयल्टी जनरेट की गई।


– रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन में लगे वाहन जेसीबी, डंपर, ट्रक के नंबर में छेड़छाड़ की जाती है। कुछ वाहनों से तो नंबर प्लेट ही हटा देते हैं। वाहन पर नम्बर नहीं होने पर आसानी से वाहन की पचान नहीं हो पाती है। 18 जनवरी का गोपालपुर पुलिस और खनिज विभाग की टीम ने बिना नंबर की जेसीबी जब्त की गई।

कॉस्टेबल के स्टेरिंग पर बैठने पर ड्राइवर वापस आया
बुधवार को रेहटी तहसीलदार अमित सिंह ने बुदनी-सलकनपुर रोड पर महोडिय़ा जोड़ सेअवैध रेत से भरा डंपर क्रमांक एमपी 04 एचई 2762 जब्त किया। तहसीलदार ने डंपर चालक से रॉयल्टी मांगी तो वह डंपर बंद कर भाग निकला। डंपर चालक के बाद तहसीलदार ने कॉस्टेबल को स्टेरिंग पर बिठाया और डंपर लेकर थाने की तरफ बढऩे के आदेश दिए। कॉस्टेबल डंपर लेकर थाने की तरफ बढ़ा, तभी कुछ दूरी पर डंपर पंचर हो गया। जब यह बात चालक को पता चली कि कॉस्टेबल डंपर चला लेता है और वह डंपर को लेकर थाने जा रहा है तो वह अफसरों के पास पहुंच गया। तहसीलदार के आदेश पर पुलिस डंपर और चालक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
वर्जन….
– रेत कारोबारी अवैध उत्खनन कर कार्रवाई से बचने के पूरे प्रयास करते हैं, लेकिन जांच में कहीं न कहीं पकड़ा जाता है। खनिज, पुलिस और राजस्व अमला लगातार कार्रवाई कर रहा है। अवैध परिवहन के सबसे ज्यादा प्रकरण सीहोर में दर्ज किए गए हैं।
एमए खान, जिला खनिज अधिकारी सीहोर

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