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सीहोर

बसों के नहीं आने से कई यात्री वापस लौटे

हर पांच मिनट में चलने वाली इंदौर बसों का पड़ गया अकाल, बाइक तो कोई प्राइवेट वाहन से पहुंचा निर्धारित स्थान…

सीहोरMay 22, 2018 / 11:31 am

वीरेंद्र शिल्पी

waiting for bus

Waiting for Bus

सीहोर/आष्टा. हर १० मिनट में फोरलेन हाइवे पर दौडऩे वाली इंदौर बसों का सोमवार को अकाल पड़ गया। इसके चलते यात्री बस स्टैंड पर उनके आने का इंतजार करते रहे।

जब घंटों बाद भी बस नहीं आई तो मायूसी के साथ खाली हाथ लौटना पड़ा। इस परिस्थिति में जिनको महत्वपूर्ण काम के लिए जाना था उनको बाइक या फिर प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। इससे उनको परेशानी के साथ अतिरिक्त रुपए भी खर्च करने मजबूर होना पड़ा।
दरअसल, इंदौर बस आपॅरेटर के सोमवार को हड़ताल पर जाने के कारण इंदौर से भोपाल की तरफ जाने वाली करीब डेढ़ सौ बसें नहीं आई। हालांकि भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली सौ से सवा सौ बसें नियमित रूप से चलीं।
किराया वृद्धि को लेकर इंदौर संभाग के बस ऑपरेटर्स ने सोमवार को हड़ताल कर दी। इसका असर भोपाल संभाग के सीहोर जिले में भी सबसे ज्यादा देखने को मिला। प्रतिदिन भोपाल इंदौर हाइवे पर चलने वाली करीब सौ से अधिक बसों के पहिए थम गए। यात्री निर्धारित समय अनुसार बस स्टैंड पर पहुंचना शुरू हो गए थे।
जब उनको पता चला कि इंदौर से भोपाल तरफ चलने वाली बस नहीं आएगी तो चेहरे की खुशी पलभर में मायूसी में तब्दील हो गई। सूचना के बाद भी उम्मीद की आस में यात्रियों ने घंटों तक इंतजार किया, फिर भी खाली लौटना पड़ा। इससे जो जहां पर बैठा था, वही पर रह गया। यात्रियों ने बताया कि सुबह से ही बस नहीं चल रही है। दूसरा साधन नहीं होने से समझ नहीं आ रहा है कि आखिर क्या करें और क्या नहीं।
आष्टा बस स्टैंड पर बैठे रहे यात्री
इंदौर से भोपाल जाने के लिए आष्टा महत्वपूर्ण है। यहां पर इंदौर से आने वाली हर बस रुकती है। सोमवार को हाल ये थे स्टैंड पर जिस स्थान पर यह बस खड़ी होती है, उस जगह पर सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि यात्री सुबह से ही स्टैंड पर पहुंच गए थे। ऐसा ही कुछ सीहोर बस स्टैंड पर भी देखने को मिला।
कुछ एक यात्रियों ने बस संचालकों से जानकारी भी ली, लेकिन उनको जवाब मिला कि बस किसी भी हाल में नहीं आएगी। इंदौर संभाग बस ऑपरेट्र्स की हड़ताल के बावजूद भोपाल से इंदौर जाने वाली बस जरूर चल रही थी। जितनी इंदौर जा रही थी, उनके संचालकों में भी डर का माहौल देखने को मिला।
निजी वाहन से जाने पर हुए मजबूर
हड़ताल के चलते यात्रियों को निजी वाहन में सवार होकर जाना पड़ा। वहीं कुछ ने बाइक का सहारा लिया। इससे उनको काफी दिक्कत भी उठाना पड़ी। वहीं कुछ जैसे आए थे वैसे ही घर लौट गए। आष्टा बस स्टैंड पर बैठे यात्री सुरेंद्र कुमार ने बताया कि उसे भोपाल अर्जेंट में जाना था।
यहां आकर पता चला कि बस नहीं आएगी। जबकि महत्वपूर्ण काम था। अब लगता है कि जाना नहीं हो पाएगा। सुनील मेवाड़ा ने बताया कि दो घंटे तक इंतजार किया, जब बस नहीं आया तो आष्टा से बाइक से ही सीहोर आना पड़ा। यही कुछ जवाब अन्य यात्रियों का भी था। उल्लेखनीय है कि प्रतिदिन भोपाल इंदौर सैकड़ों यात्रियों की आवाजाही होती है। यात्री भोपाल जाने इंदौर बस में सरहदी घाटी के पास से ही बैठना शुरू हो जाते हैं। एक तरफ बस नहीं आने तो दूसरी तरफ धूप में तपने के कारण भी यात्री परेशान होते दिखाई दिए।

बढ़ती महंगाई के बाद पेट्रोल डीजल के दाम से बिगड़ेगी हालत
साहब सरकार पता नहीं कौन सा बदला आमजनों से ले रही है। आए दिन लोग सामानों पर बढ़ते दामों से परेशान थे। अब पेट्रोल डीजल के दाम में भी आग लगा दी है। ऐसे ही महंगाई बढ़ती रही तो वह दिन दूर नहीं जब खुले आम लूट खसोट और बेरोजगारी अपने चरम पर होगी। कुछ इस तरह की बातें पेट्रोल, डीजल के बढ़ते दामों को लेकर जगह-जगह लगी लोगों की चौपालो में गूंजती रही।
लोगो का कहना था कि सरकार आए दिन वस्तुओं के दाम बढ़ा रही है। बढ़ते दामों के कारण हर घर का बजट बिगड़ सा गया है। रही कसर जीएसटी ने बिगाड़़ दी। अब इसमें डीजल पेट्रोल के बढ़े दामों ने मध्यम वर्गीय परिवार की स्थिति और खराब कर दी है। पेट्रोल के दाम जहां पहले ८१.७१ थे इसमें २.६९ की बढ़त के साथ अब दाम ८४.४ रूपए प्रति लीटर हो गए है। इधर डीजल भी ७०.७३ से बढ़कर ७१.२७ की बढ़त हुई है। बडं़े दामों को लेकर लोगों में नाराजी साफ तौर पर नजर आ रही है। इस संबंध में ऑटो संचालक दीपक यादव ने कहा कि डीजल पेट्रोल के दामों के बढऩे से घर परिवार की स्थिति बिगड़ेगी। ऐसी स्थिति में वाहन भाड़े की दर बढ़ाने से ग्राहकी में भी असर पड़ेगा। वहीं राविन गुडे का कहना हैकि पहले ही दाम आसमान में थे। कीमत बढ़ाने से स्थिति बिगड़ेगी ही। केन्द्र और प्रदेश सरकार का अलग-अलग टैक्स के बाद भी कई तरह का भार आए दिन डीजल पेट्रोल पर डाला जा रहा है। व्यवसायी राजेन्द्र सोनी का कहना है कि कीमत बढऩे से इसका असर ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ेगा। माल भाड़ा बडऩे से अन्य कीमतो में भी इजाफा होगा। आज के दौर में व्यापार करना मुशकिल हो गया है।

भोपाल बस ऑपरेटरों द्वारा हड़ताल नहीं की गई है। इंदौर बस ऑपरेटर के हड़ताल पर जाने से यात्रियों को परेशानी जरूर हुई है।

– अनुराग शुक्ला, जिला परिवहन अधिकारी सीहोर

तीन साल से बसों को किराया नहीं बढ़ाया गया है। बस ऑपरेटर पिछले सालों से ४० प्रतिशत किराया वृद्धि की डिमांड कर रहे थे। अभी भोपाल बस ऑपरेटरों ने हड़ताल नहीं है। बस ऑपरेटर सरकार का विरोध कर रहे हैं।
– महेश गुप्ता, अध्यक्ष बस यूनियन

फैक्ट फाइल –
भोपाल से इंदौर चलने वाली बसों की संख्या- करीब १२५
इंदौर से भोपाल जाने वाली बसों की संख्या- करीब १६०

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