यह बात आष्टा के शहीद भगतसिंह कॉलेज में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षाविद तथा राष्ट्र के प्रथम केन्द्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यक्रम प्रभारी डॉ. ललिता राय श्रीवास्तव ने कहीं। कॉलेज में आजाद का यह जनमदिवस राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया गया। इस मौके पर कॉलेज में रैली, निबंध लेखन, बैनर, भाषण व स्लोगन आदि प्रतियोगिता का अयोजन किया गया। निबंध लेखन का विषय शिक्षा का महत्व छात्र-छात्राओं को दिया गया। वहीं शिक्षा प्रचार प्रसार के लिए एक रैली निकाली गई। जिसमें शिक्षा को प्रोत्साहन देने विद्यार्थियों ने नारे लगाएं। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर स्लोगन प्रतियोगिता के तहत शिक्षा प्रसार से संबंधित स्लोगन का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर विनोद पाटीदार, प्राचार्य डॉ. एमके तेजराज, डॉ. एसआई अजीज, डॉ. ललिता राय श्रीवास्तव, विनोद पाटीदार, हितेश कलेशरिया के अलावा समस्त स्टाफ मौजूद था।
गल्र्स कॉलेज में भी हुआ कार्यक्रम
इसी तरह से राष्ट्रीय सेवा योजना एवं व्यक्तित्व विकास के संयुक्त तत्वाधान में मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस सीहोर के गल्र्स कॉलेज में मनाया गया। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सुमन तनेजा ने कहा कि मौलाना अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रीय षिक्षा नीति की स्थापना की गई। जिसका उद्देश्य शिक्षा के महत्वों को समझना, विकास के विभिन्न आयामों को खोलने के अवसर प्रदान करना था। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजरी अग्निहोत्री ने भारतरत्न से सम्मानित मौलाना के देश व समाज प्रेम के साथ शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के महत्व को बताया। इस अवसर पर व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. प्रतिमा खरे, डॉ. मोहम्मद सादिक, हीरामणी वर्मा, शालिनी करोपे, सितारा ककडिय़ा, मोनिका वर्मा, पूजा वर्मा आदि थे। इसी तरह से पीजी कॉलेज में भी कार्यक्रम हुआ।