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सीहोर

शहर में भीषण जलसंकट, अफसर जल स्त्रोतों को संवारने में दिखा रहे लापरवाही

पानी के लिए करना पड़ रहा है रतजगा, फिर भी कर रहे अनदेखी

सीहोरJun 08, 2019 / 11:46 am

Anil kumar

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पानी

सीहोर. जिन जलस्त्रोतों से शहर की आबादी प्यास बुझाती है उनको संवारने अफसर अनदेखी कर रहे हैं। इसका खामियाजा हर साल नागरिकों को जलसंकट के रूप में भुगतना पड़ रहा है। इस बार भी ऐसा ही कुछ होने से लोगों को बूंद-बूंद पानी की व्यवस्था करने जद्दोजहद करना पड़ रही है। मंगलवार को काफी संख्या में नागरिक कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारेबाजी कर पानी समस्या से अवगत कराने के साथ तालाबों का गहरीकरण की बात कहीं है। चेतावनी भी दी है कि ऐसा जल्द नहीं हुआ तो मजबूरन बड़ा कदम उठाना पड़ेगा।


नगर की प्यास बुझाने प्रमुख जलसत्रोतों में भगवानपुरा, जमोनिया और काहिरी डैम है। वहीं जलस्त्रोत को जिंदा रखने सीवन नदी भी अपनी महत्वता रखती है। अभी की स्थिति में इनकी देखरेख नहीं होने से सभी अनदेखी की भेंट चढ़ गए हैं। गहरीकरण के अभाव में पिछले साल हुई बारिश का तालाब में ज्यादा पानी स्टोर नहीं हुआ था। उसका असर नगर में जनवरी-फरवरी महीने से ही जलसंकट के रूप में दिखाई देने लगा था। यह हर महीने बढ़ता चला गया और जून में भयंकर रूप ले लिया है। नागरिकों के सामने हालात यह है कि प्यास बुझाने पानी का इंतजाम करने उनको रात-दिन एक करना पड़ रहा है। जिससे उनके दूसरे कामकाज नहीं हो रहे हैं और परेशानी अलग हो रही है। यह स्थिति बडिय़ाखेड़ी, इंग्लिशपुरा, कस्बा सहित अन्य जगह आसानी से देखी जा सकती है।

 

जनवरी में हो जाता है पानी समाप्त
कस्बा के लोगों ने डिप्टी कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि सीवन नदी उनकी जीवन रेखा है। नदी पास होने से घर और आसपास के कुएं, ट्यूबवेल चालू रहते हैं। कुछ समय से नदी में साफ-सफाई और सौंदर्यीकरण नहीं होने से नदी उथल-पुथल हो गई है। पूर्व में जब भी सीवन नदी की सफाई हुई तो वह बडिय़ाखेड़ी से शुरू होकर चद्दर पुल तक चली, जबकि आगे नहीं हुई। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी कर विरोध भी जताया। इस मौके पर पार्षद कपिल कुशवाहा सहित अन्य लोग उपस्थित थे। इसी तरह सिद्धी विनायक संघ ने भी ज्ञापन सौंपकर सूख रहे तालाब और कुएं, बावडिय़ों को दशा ठीक करने की बात कहीं है। उल्लेखनीय है कि बारिश आने में अब २० दिन का ही समय शेष रह गया है।

 

पीएचइ का कारनामा जिंदा बोर में लगा दिए ढक्कन
बमूलिया बडऩगर में पांच जिंदा सरकारी बोर है, लेकिन पीएचई विभाग ने इनमें मोटर नहीं डाली है। वहीं ग्रामीणों के विरोध के बाबजूद ढक्कन लगा दिए हैं। गांव में पानी समस्या होने के बाद भी विभागीय अफसर लापरवाही दिखा रहे हैं। वर्तमान में लोगों को कई किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि वर्षो पहले पानी टंकी निर्माण की स्वीकृ ति होने के बाद भी अब तक इसका कार्य जारी है। जिससे नलजल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इस अवसर पर अन्तर सिंह परमार, सुहागमल, बालाप्रसाद, भगवानसिंह, रामगोपाल मीणा, भोपालसिंह, प्रेमनारायण, प्रभु, सुमेरसिंह, दिनेश, रामस्वरुप आदि थे।


तैयार की जा रही है
हमारी तरफ से जितने प्रमुख तालाब, नदी जलस्त्रोत है उनका गहरीकरण कर सौंदर्यीकरण करने की योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू होगा।
अमरसत्य गुप्ता, सीएमओ नगर पालिका सीहोर

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