इस बार अच्छी बारिश होने के साथ ही पार्वती बैराज के समय पर गेट लगने से नदी लबालब हो गई थी। रबी सीजन में नदी के पानी पर किसानों की ऐसी नजर लगी कि उसका जलस्तर हर दिन पाताल नाप रहा है। अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि दिसंबर की शुरूआत में बैराज के शटर की ऊपर से पानी गिर रहा था, जबकि अंतिम दिन में शटर से तीन फीट नीचे पानी पहुंच गया। यही हाल आगे रहे तो नदी जल्द ही खाली हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नदी का पानी पूरे शहर में सप्लाई होता है। इस पानी को ही लोग अपने उपयोग में लेते हैं। वहीं नपा के पास भी पानी के प्रमुख स्त्रोत के रूप में नदी ही महत्वपूर्ण है। नगर पालिका ने पार्वती नदी से पानी चोरी रोकने ९ कर्मचारियों की टीम का गठन किया है। टीम ने आष्टा शंकर मंदिर तट से सर्चिंग के दौरान एक सप्ताह के अंदर १० जलमोटर को जब्त किया है।
हालांकि टीम नियमित सर्चिंग करती है तो और भी मोटर पकड़ में आ सकती है। जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। किसान दिन के अलावा रात में भी कई पानी चोरी को अंजाम दे रहे हैं। दिसंबर महीने में ही जलसंकट पैर पसारना शुरू हो गया है। इसकी हकीकत मेहतवाड़ा, बीलपान सहित अन्य गांवों में आसानी से देखी जा सकती है। जहां के लोग पानी के लिए परेशान हैं। वहीं कई जगह बंद नलजल योजना लोगों को मुंह चिढा रही है। इसके बावजूद पीएचई विभाग के अफसर लापरवाही दिखाने में लगे हैं।
पानी चोरी रोकने के लिए टीम लगातार कार्रवाई कर रही है, अब तक १० मोटर को जब्त किया गया है। यह कार्रवाई आगे भी इसी तरह से जारी रहेगी।
देवेन्द्र चौहान, इंजीनियर नगर पालिका आष्टा