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सीहोर

पेरेंट्स मीटिंग ( PTM ) : प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी विद्यालयों में भी होंगी

शिक्षक अभिभावकों की वन टू वन चर्चा…

सीहोरOct 15, 2019 / 01:01 pm

दीपेश तिवारी

पेरेंट्स मीटिंग ( PTM ) : प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी विद्यालयों में भी होंगी

पेरेंट्स मीटिंग ( PTM ) : प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर अब सरकारी विद्यालयों में भी होंगी

सीहोर। शिक्षा की गुणवत्ता और शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार के लिए प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी पेरेंट्स मीटिंग होगी। पहली मीटिंग 19 अक्टूबर को होगी।

इस मीटिंग की विधिवत सूचना शिक्षक अभिभावकों तक पहुंचाएंगे और बैठक में शिक्षक अभिभावकों से वन-टू-वन चर्चा करेंगे। सरकारी स्कूलों में यह मीटिंग नियमित रूप से की जाएगी।

जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसेन ने बताया कि बैठका का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों को उनके बच्चों के साथ शैक्षणिक स्तर के बारे में बताना है।

इसके साथ ही शिक्षक अभिभावकों को अकादिमिक मुद्दों के बारे में भी बताएंगे। शिक्षक अभिभावकों से शैक्षणिक स्तर में सुधार करने के लिए सुझाव भी लेंगे।

जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी संकुल प्राचार्य को आदेश दिए हैं कि पहली बैठक 19 अक्टूबर होगी। डीईओ ने आदेश दिए हैं कि पेरेंट्स मीटिंग के दौरान अभिभावकों की समस्याएं सुनने के लिए संस्था प्रमुख की उपस्थिति जरूरी है। पेरेंट्स मीटिंग के दिन संस्था प्रमुख विद्यालय में उपस्थित जरूर रहें।

संसाधन और शिक्षकों की बेहद कमी जिले में करीब 2 हजार 025 मिडिल और प्राइमरी सरकारी स्कूल हैं। प्राइमरी स्कूल की संख्या एक हजार 350 और मिडिल 675 है। कक्षा एक से 8वीं तक के इन स्कूल में करीब एक लाख 10 हजार बच्चे पढ़ते हैं।

जिले में करीब सात हजार स्टूडेंट्स की जरूरत है, लेकिन यहां पर सिर्फ पांच हजार 600 शिक्षकों से काम चलाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षा विभाग का पेरेंट्स मीटिंग की मदद से शिक्षा की गुणवत्ता और शैक्षतिक गतिविधियों में गुणात्मक सुधार करने के बारे में सोचना एक तरह से बेमानी है।

ये है सरकारी स्कूल की प्रमुख समस्याएं
प्राइमरी और मिडिल स्कूल में शिक्षक समय पर नहीं पहुंचते हैं। कई बार शिक्षक बिना बताए छुट्टी पर चले जाते हैं।

जिले में करीब 84 स्कूल ऐसे हैं, जहां पर शिक्षक ही नहीं हैं। ये स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।

सरकारी स्कूल में बिजली, टॉयलेट, पीने के पानी की सुविधा ही नहीं है। यहां कई सरकारी स्कूल के पास खुद का भवन नहीं है। मिडिल स्कूल प्राइमरी की बिल्डिंग में लग रहे हैं। स्टूडेंट्स के बैठने के लिए भी पर्याप्त जगह नहीं है।

पेरेंट्स मीटिंग के प्रमुख बिंदु
स्टूडेंट्स की त्रैमासिक परीक्षा, दक्षता उन्नयन की उत्तर पुस्तिका अभिभावकों को दिखाई जाएगी।

त्रैमासिक परीक्षा, दक्षता उन्नयन परिणाम के आधार पर स्टूडेंट्स को किस विषय पर फोकस करना है, पालकों को बताया जाए।

स्टूडेंट की उपस्थिति को लेकर अभिभावकों से चर्चा की जाए। स्टूडेंट को प्रतिदिन विद्यालय भेजने के लिए अभिभावकों को प्रेरित किया जाए।


इघर, छात्र बनाएंगे गांव का वॉटर मैनेजमेंट प्लान…
भारतीय प्रबधन संस्थान इंदौर के 54 विद्यार्थी चार दिवसीय दौरे पर सीहोर आ रहे हैं। आईआईएम के स्टूडेंट 14 से 18 अक्टूबर तक जिले के सीहोर एवं आष्टा जनपद पंचायत के 9 गांव का दौरा करेंगे।

यह छात्र धबोटी, बमूलिया, खेडली, बिलकिसगंज, आलमपुरा, कुलांस कलां, बमूलिया रायमल, छायन खुर्द एवं मेहतवाड़ा का भ्रमण कर जल प्रबंधन का प्लान तैयार करेंगे।

आईआईएम के स्टूडेंट्स का यह दल पहले 02 दिन ट्रॉसेक्ट वॉक, पीआरए एवं वॉटर बजट के माध्यम से ग्राम में उपलब्ध वर्षा जल एवं कुल जल मांग का विश्लेषण करेंगा और इसके बाद अगले 02 दिन ग्राम में रात्री चौपाल लगाकर सहभागी नेट प्लानिंग के माध्यम से जल मांग की पूर्ती के लिए कार्य योजना तैयार करेगा। आईआईएम के स्टूडेंट्स का दल चार दिवसीय दौरे के लिए सीहोर आ गया है। मंगलवार से दौरा शुरू करेगा।

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