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भगवानपुरा तालाब में महज एक सप्ताह का पानी

पार्वती नदी की दिखने लगी तली, शहर के आरक्षित जमोनिया तालाब में भी दस फीट पानी शेष, तीनों प्रमुख जल स्त्रोतों में ४० दिन में घट गया दो से तीन फीट पानी

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सीहोर

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Sunil Sharma

Mar 27, 2018

pond

Sehore. Parvati river is dried in this way.

सीहोर. इस साल पेयजल की भयभयता अभी से नजर आने लगी है। शहर की प्यास बुझाने वाले आरक्षित भगवान पुरा तालाब में एक सप्ताह का पानी शेष रह गया है, वहीं जमोनिया में दस फीट के लेबल पर पानी पहुंच गया है। पार्वती नदी की तली दिख गई है।

हालांकि पार्वती नदी के खारपा डाल में नपा द्वारा पानी भरे होने की बात कही है। नपा के अनुसार काहिरी और जमोनिया तालाब से १५ मई तक पेयजल मिलने की संभावना है, लेकिन जिस तेजी से नदी और तालाबों का पानी कम हो रहा है। इस हिसाब से तीनों प्रमुख जलस्त्रोत से शहर को मुश्किल से अप्रैल तक पानी मिल सकेगा।

जिले में जल संकट गहराता जा रहा है। लोग पानी की जुगत में लगे नजर आने लगे हैं। इसका कारण भूमिगत जल स्त्रोतों का रिचार्ज न होना बताया जा रहा है। तेजी से जल स्तर नीचे जाने के कारण मार्च माह में ही हैंडपंप और ट्यूबवेल जवाब देने लगे हैं। इसके कारण जलसंकट अभी से नजर आने लगा है।शहरी क्षेत्र में 450 में से ८० हैंडपंप बंद हो चुके है, वहीं 6 2 में से १० ट्यूबवेल भी दम तोड़ चुके हैं। लोगों का कहना है कि पानी के लिए रात के समय ही अब जुगत लगाने के लिए निकलना पड़ता है। जलस्तोत्रों पर सुबह से भीड़ जमा होने लगी है। कई जगह तो हैंडपंप और ट्यूवबेलों के बंद होने के कारण लोग टैंकरों के माध्यम से या अन्य स्थानों से पानी का इंतजाम करने में जुटे हैं।

तीन से चार दिन छोड़कर हो रहा जल सप्लाई
शहर को 3 जोन में बांट दिया है, जिससे एक दिन में 45 मिनट तक 12 वार्डों में चार दिन में 50 लाख लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है। शहर में करीब साढ़े १२ हजार नल कनेक्शन हैं। नपा के अनुसार शहर के लोगों को तीन से चार दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। मंडी क्षेत्र में जमोनिया तालाब से सप्लाई की जा रही है, वहीं शहर में पार्वती के खारपा और भगवानपुरा तालाब से पानी दिया जा रहा है, लेकिन जिस तेजी से शहर के लिए आरक्षित जलस्त्रोतों में पानी का तल नीचे जा रहा है, शहर में जलसंकट को लेकर लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

४० दिन में घट गया तीनों जलस्त्रोतों में दो से तीन फीट पानी
शहर में पेयजल सप्लाई करने वाले पार्वती नदी के काहरी खारपा डेम में पाने से १० फीट, जमोनिया तालाब में १० फीट और भगवानपुरा तालाब में ४ फीट पानी संरक्षित बचा हुआ है।भगवानपुरा तालाब का पानी तो मुश्किल से एक सप्ताह ही शहर के लोगों की प्यास बुझाएगा। पिछले १६ फरवरी के तीनों जल स्त्रोतों में पेयजल का स्तर की बात करें तो जमोनिया में १२ फीट तीन इंच, भगवानपुरा में ७ फीट छह इंच और काहिरी, खारपा डाल में १३ फीट पर जलस्तर था।अभी तेज गर्मीन नहीं पडऩे के बाद तीनों जलस्त्रोतों में जलस्तर दो से तीन फीट तक नीचे गया है। जानकारों का कहना है कि अप्रैल में गर्मी के उग्र होने पर तीनों जलस्त्रोत मुश्किल से शहर के लोगों की प्यास बुझा पाएंगे। हालांकि नपा 15 मई तक सप्लाई करने का दावा नपा कर रही है। इसके बाद परिवहन से शहर में जलसप्लाई के लिए ८८ लाख रुपए की योजना भेजी गई है।

टैंकरों से बिकने लगा पेयजल
शहर में नलों से पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में बोर सूख जाने के बाद लोग अब टैंकरों पर निर्भर हैं। फिलहाल नपा टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं कर रहा है। इसलिए लोगों को निजी टैंकरों से पानी लेना पड़ रहा है। हालत यह है कि अभी से 250 से 300 रुपए में एक टैंकर मिल रहा है। तेजी से शहर में पेयजल को लेकर समस्या बढ़ रही है।

-शहर में पेयजल को लेकर नपा गंभीरता से काम कर रही है। शहर के तीनों प्रमुख जलस्त्रोतों में १५ मई तक पानी है। इसके बाद टैंकरों से जल सप्लाई के लिए ८८ लाख रुपए की योजना शासन को भेजी गई है। -एनसी राठौर, जल प्रभारी नगरपालिका सीहोर