शहर को 3 जोन में बांट दिया है, जिससे एक दिन में 45 मिनट तक 12 वार्डों में चार दिन में 50 लाख लीटर पानी सप्लाई किया जा रहा है। शहर में करीब साढ़े १२ हजार नल कनेक्शन हैं। नपा के अनुसार शहर के लोगों को तीन से चार दिन छोड़कर पानी दिया जा रहा है। मंडी क्षेत्र में जमोनिया तालाब से सप्लाई की जा रही है, वहीं शहर में पार्वती के खारपा और भगवानपुरा तालाब से पानी दिया जा रहा है, लेकिन जिस तेजी से शहर के लिए आरक्षित जलस्त्रोतों में पानी का तल नीचे जा रहा है, शहर में जलसंकट को लेकर लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
शहर में पेयजल सप्लाई करने वाले पार्वती नदी के काहरी खारपा डेम में पाने से १० फीट, जमोनिया तालाब में १० फीट और भगवानपुरा तालाब में ४ फीट पानी संरक्षित बचा हुआ है।भगवानपुरा तालाब का पानी तो मुश्किल से एक सप्ताह ही शहर के लोगों की प्यास बुझाएगा। पिछले १६ फरवरी के तीनों जल स्त्रोतों में पेयजल का स्तर की बात करें तो जमोनिया में १२ फीट तीन इंच, भगवानपुरा में ७ फीट छह इंच और काहिरी, खारपा डाल में १३ फीट पर जलस्तर था।अभी तेज गर्मीन नहीं पडऩे के बाद तीनों जलस्त्रोतों में जलस्तर दो से तीन फीट तक नीचे गया है। जानकारों का कहना है कि अप्रैल में गर्मी के उग्र होने पर तीनों जलस्त्रोत मुश्किल से शहर के लोगों की प्यास बुझा पाएंगे। हालांकि नपा 15 मई तक सप्लाई करने का दावा नपा कर रही है। इसके बाद परिवहन से शहर में जलसप्लाई के लिए ८८ लाख रुपए की योजना भेजी गई है।
शहर में नलों से पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में बोर सूख जाने के बाद लोग अब टैंकरों पर निर्भर हैं। फिलहाल नपा टैंकरों से पानी की सप्लाई नहीं कर रहा है। इसलिए लोगों को निजी टैंकरों से पानी लेना पड़ रहा है। हालत यह है कि अभी से 250 से 300 रुपए में एक टैंकर मिल रहा है। तेजी से शहर में पेयजल को लेकर समस्या बढ़ रही है।