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सीहोर

मीजल्स-रूबेला टीका से बच्चों की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में कराया भर्ती

जिले में लाख 12 हजार 764 बच्चों को लगाया जाना है टीका, तीन दिन में 50 हजार बच्चे कवर

सीहोरJan 18, 2019 / 02:48 pm

Kuldeep Saraswat

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मीजल्स-रूबेला टीका से बच्चों की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में कराया भर्ती

सीहोर. जिले में दो दिन से मीजल्स-रूबेला टीकाकरण चल रहा है। स्वास्थ्य अमला 50 हजार से ज्यादा बच्चों को टीका लगा चुका है, जिसमें से दो-तीन जगह टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों की तबियत खराब होने की बात सामने आई है। बच्चों को सुरक्षा की दृष्टि से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर डॉक्टर की देखरेख में इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स का तर्क है कि बच्चों के शरीर में टीका का कोई साइड इफेक्ट नहीं है। टीका पूरी तरह सुरक्षित है। बच्चे टीका से डर गए हैं, जिसकी वजह से उनकी तबियत खराब हो गई है।

जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोपहर एक बजे अमलाहा स्थित एक निजी स्कूल के बच्चों को टीका लगाया गया। टीकाकरण के कुछ देर बात ही कक्षा 9वीं की छात्रा तनू सिसौदिया पुत्र सूरज सिसौदिया निवासी खामखेड़ा, रानू वर्मा पुत्र संतोष वर्मा निवासी खामखेड़ा, शिवानी वर्मा पुत्र शिवनारायण वर्मा और कक्षा 10वीं के स्टूडेंट्स नीतेश वर्मा पुत्र धर्मसिंह वर्मा निवासी भीलखेड़ी की तबियत खराब हो गई। बच्चों के बेहोश होते ही तत्काल स्कूल में इमरजेंसी सेवा 108 एम्बुलेंस को बताया गया, चारों बच्चों को अमलाहा से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल के आईसीयू में बच्चों को इलाज चल रहा है। स्टूडेंटस धर्मसिंह पूर्ण रूप से स्वस्थ है और छात्राओं की हालत में भी सुधार होना बताया जा रहा है।

बुदनी और पचामा में भी बच्चे डरे
टीकारण के बाद पचामा और बुदनी ब्लॉक में भी बच्चों की तबियत खराब होने की बात सामने आई है। बुधवार को पचामा स्थित एक निजी स्कूल में टीकारण किया गया। यहां पर छह साल के खामलिया निवासी छात्र गोविंद पुत्र शंकर विश्वकर्मा की तबियत खराब हो गई। टीकारण के करीब 20 मिनट बाद गोविंद का शरीर लाल हो गया और छोटे-छोटे दाने दिखाई देने लगे। गुरुवार को परिजन परिजन गोविंद को लेकर पचामा के सरकारी स्कूल में बने टीकारण सेंटर पर लेकर गए, जहां से उसे एम्बुलेंस से अस्पताल भेजा गया। इसके अलावा बुधवार को बुदनी में भी एक छात्र की तबियत खराब हुई है, लेकिन ओआरएस पिलाने के बाद यह ठीक हो गया। पचामा में कक्षा सात के स्टूडेंट नीरज पुत्र कमलेश को भी टीका लगने के बाद चक्कर आ गए, जिसे लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सीएमएचओ बोले- कोई साइड इफेक्ट नहीं, डर गए बच्चे
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है। मीजल्स-रूबेला का टीका अभी तक करीब 50 हजार बच्चों को लगाया जा चुका है, कहीं कोई दिक्कत वाली बात सामने नहीं आई है। कुछ जगह एक्का-दुक्का बच्चे ऐसे होते हैं जो इंजेक्शन से डर जाते हैं और डर के कारण चक्कर आना, घबराहट होना आम बात है। टीकाकरण पूरी तरह सुरक्षित है। परिजन की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को टीका लगवाना सुनिश्चित करें। यह अभियान 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलेगा। इस अभियान के तहत 9 माह से 15 साल तक के हर बच्चे को टीका लगना है।

फैक्ट-फाइल
– एक लाख 43 हजार 982 सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स
– एक लाख 33 हजार 239 प्राइवेट स्कूल के स्टूडेंट्स
– एक लाख 35 हजार 543 आंगनबाड़ी और बाहर के बच्चे
– 50 हजार को तीन दिन में लगाया गया टीका
– 10 बच्चों को चक्कर, घबराहट और खुजली होने की मिली शिकायत
– 4 लाख 12 हजार 764 बच्चों को लगाया जाना है टीका

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