निरीक्षण के दौरान अफसरों की टीम ने तय किया है कि सात दिन के लिए सीवेज लाइन को बंद कर सीवेज का पानी सीधे नाले में छोड़ा जाएगा। सीवेज लाइन बंद होने के बाद रोज बोर के पानी की जांच कराई जाएगी। यदि सीवेज लाइन बंद होने के बाद बोर का पानी साफ हो जाता है तो इस क्षेत्र की पूरी सीवेज लाइन को बदला जाएगा। यदि बोर का पानी सीवेज लाइन के बंद होने के बाद भी दूषित ही रहता है तो उस स्त्रोत का पता किया जाएगा, जिससे बोर का पानी दूषित हो रहा है।
मंत्री की सख्ती के बाद हरकत में आया प्रशासन
सीवेज के कारण बोर का पानी दूषित होने की शिकायत लंबे समय से की जा रही है। निर्माण एजेंसी अंकिता कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में धारा 133 के तहत प्रकरण भी दर्ज किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। रविवार को नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने सीहोर का दौरा किया। मंत्री का सैकड़ाखेड़ी जोड़ पर कांग्रेस नेता हरीश राठौर ने स्वागत किया। इस दौरान कुछ नगरवासियों ने सीवेज लाइन के कारण हो रही परेशानी की मंत्री से शिकायत की। शिकायत पर शहर में अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने साफ किया कि यह कंपनी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी के करीबियोंं की है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के बाद शहर के सीवेज निर्माण कार्य की जांच कराई जाएगी। मंत्री के जांच की बात कहते ही सोमवार को प्रशासन हरकत में आ गया और निर्माण एजेंसी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
महिलाओं ने रोके कलेक्टर, बोलीं- पानी भी नहीं मिल रहा है
सीवेज लाइन का निरीक्षण करने निकले कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा और एसडीएम वरूण अवस्थी को मुर्दी रोड पर महिलाओं ने रोक लिया। महिलाओं ने कलेक्टर मिश्रा से शिकायत की है बोरों में गंदा पानी आ रहा है और नलों से सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है। नलों से पानी सप्लाई होने का समय भी निर्धारित नहीं है। महिलाओं की बात सुन कलेक्टर ने सीएमओ अमरसत्य गुप्ता से शहर में पानी सप्लाई का चार्ट बनाकर सार्वजनिक करने की बात कही।