सबसे ज्यादा गेहंू का रकबा :
रबी की बोवनी तीन लाख 90 हजार हेक्टेयर में की गई है। सबसे ज्यादा रकबा गेहूं का है। गेहूं की बोवनी दो लाख 85 हजार हेक्टेयर में है। चना की फसल पर तो इस बार जड़ माहो कीट का प्रकोप हल्का सा देखा भी गया है, लेकिन गेहूं की फसल अभी तक सुरक्षित है, जिसे लेकर रबी के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है।
रबी का उत्पादन बढऩे के प्रमुख कारण
– सीहोर जिले में रबी की बोवनी समय पर पूरी हो गई। बुदनी, नसरुल्लागंज और रेहटी क्षेत्र में बोवनी कुछ पिछड़ी, लेकिन यहां गेहूं का रकबा कम है। यहां किसान धान की फसल करते हैं।
– रबी सीजन में यूरिया के लिए किसानों को संषर्घ तो करना पड़ा, लेकिन देरी से ही सही, पर्याप्त खाद मिल गया, जिससे उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ।
– बारिश अच्छी होने से फसल को पानी की कमी महसूस नहीं हुई। बीते कई साल में पहली बार सिंचाई विभाग ने नहरों में किसानों की डिमांड से ज्यादा पानी छोड़ा गया।
– सर्दी में पाला, ओलावृष्टि, अतिवृद्धि से फसल बची रही। पौधों को ग्रोथ के लिए पर्याप्त धूप और नमी मिली।
साल रकबा उत्पादन
2015-16 336116 8 लाख 26 हजार 760
2016-17 348416 9 लाख 92 हजार 560
2017-18 348430 10 लाख 28 हजार 110
2018-19 398000 10 लाख 96 हजार 230
2019-2020 390000 18 लाख 59 हजार 680
(नोट : रकबा हेक्टेयर में और उत्पादन मीट्रिक टन में)