शासन और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूल में शिक्षा व्यवस्था का ढर्रा सुधारने कई प्रयास कर रहा है। यह प्रयास जमीनी स्तर पर ज्यादा कुछ सार्थक साबित नहीं हो रहा है। इसकी हकीकत स्कूल में बच्चों की कम उपस्थिति के साथ ही परीक्षा के खराब परिणाम बता रहे हैं। इन सबको देखते हुए शिक्षा विभाग ने फिर से गंभीरता दिखाकर इस बार दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें साफ कहा है कि कक्षा 5 व 8वीं की परीक्षा बोर्ड पेटर्न पर होगी। इसलिए दोनों ही कक्षाओं के परिणाम अच्छे ही आना चाहिए। परीक्षा के परिणाम बिगड़े तो संबंधित स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसमें वह सस्पेंड तक हो सकते हैं।
जिले में प्राइमरी और मिडिल को मिलाकर 2025 सरकारी स्कूल है। जिनमें करीब एक लाख 10 हजार विद्यार्थी अध्यनरत हैं। इसमें कक्षा 5वीं में 13 हजार 700 और कक्षा 8वीं में 14 हजार 800 बच्चे दर्ज हैं। उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर शिक्षकों ने अमल किया तो काफी हद तक बच्चों को इसका फायदा मिलेगा। उनको बेहतर शिक्षा तो मिलेगी ही साथ में परीक्षा में अच्छे अंक भी ला सकेंगे। अभी की स्थिति में कई स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी के चलते बच्चों को ठीक से शिक्षा ही नहीं मिल रही है।
इधर स्कूलों में शिक्षा के साथ खेल को बढ़ावा देने के लिए भी कई गतिविधियां आयोजित की जा रही है। जबकि खेल मैदान की दशा सुधारने की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाएं जा रहे हैं। इसकी हकीकत सीहोर शहर के पलटन एरिया स्थित शासकीय प्राइमरी स्कूल का खेल मैदान बता रहा है। इस स्कूल का दुर्भाग्य कहे या फिर और कुछ की मैदान के हालात नहीं बदल सकें हैं। उबड़ा खाबड़ हो रहे इसी मैदान में राष्ट्रीय पर्व पर कार्यक्रम आयोजित करना पड़ता है। बारिश के मौसम में तो पानी भरने के साथ कीचड़ फैल जाता है। इसी में से बच्चों को आवाजाही करना पड़ती है। स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि इस संबंध में कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया है। उसके बावजूद आज तक कुछ नहीं हो सका है।
अनिल श्रीवास्तव, डीपीसी