scriptजब बच्चों की तरह शिक्षकों की ली गई क्लास, प्रशिक्षक की गलतियां बताकर किया विरोध | teachers protest for m shiksha app | Patrika News
सीहोर

जब बच्चों की तरह शिक्षकों की ली गई क्लास, प्रशिक्षक की गलतियां बताकर किया विरोध

जब बच्चों की तरह शिक्षकों की ली गई क्लास, प्रशिक्षक की गलतियां बताकर किया विरोध

सीहोरJul 18, 2018 / 01:39 pm

सुनील शर्मा

sehore, sehore news, sehore patrika, patrika news, patrika bhopal, bhopal mp, m shiksha app, tranning, teachers tranning, E-attendance, education, techers, education department,

जब बच्चों की तरह शिक्षकों की ली गई क्लास, प्रशिक्षक की गलतियां बताकर किया विरोध

सीहोर। शिक्षा विभाग में इ-अटेंडेंस को लेकर कर्मचारियों में बनी भ्रंतिया दूर करने कार्यशाला आयोजित की गई थी। एप को लेकर कई शिक्षकों ने अपनी समस्या भी बताई। पूरी तरह समझाने के बाद जब शिक्षकों को एप समझ नहीं आया तो विरोध शुरू कर दिया। शिक्षकों ने काली पट्टी लगाकर पहले विरोध जताया फिर जमकर नारेबाजी की। एप को समझाने 51 संकुल और 100 जनशिक्षा केंद्रों के 574 हेडमास्टर और संकुल प्रचार्यो को बुलाया गया था।

इस बार शिक्षा विभाग के सभी छह हजार 574 शिक्षक, शिक्षिकाओं और कर्मचारियों को अपने संस्थान से ही एप के माध्यम से इ-अटेंडेंस लगानी है। इसी को लेकर उत्कृष्ट विद्यालय में संकुल प्राचार्य और हैडमास्टरों को एम शिक्षा मित्र एप को समझाने कार्यशाला का आयोजन किया गया था। प्रोजेक्टर के माध्यम से करीब दो घंटे चले प्रशिक्षण में एप संचालन को लेकर पूरी जानकारी दी गई। आधे शिक्षकों ने एप संचालन को लेकर हो रही गड़बडी को लेकर विरोध शुरू कर दिया। प्राचार्य और हैडमास्टरों को एप को लेकर कई परेशानियां है। इसी के चलते अब तक शिक्षक एप को लेकर विरोध करते नजर आ रहे हैं।

पहले बांधी काली पट्टी फिर नारेबाजी कर किया विरोध
कार्यशाला में प्रशिक्षण लेने पहुंचे अधिकतर शिक्षक और कर्मचारी काली पट्टी बांधकर प्रशिक्षण लेने पहुंचे थे। प्रशिक्षण के दौरान ही कई कर्मचारियों ने एप में आ रही दिक्कतों को लेकर सवाल खड़े किए, लेकिन प्रशिक्षण देने वाले अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसी के चलते एप लागू नहीं करने को लेकर आधे कर्मचारियों ने प्रशिक्षण खत्म होते ही उत्कृष्ट विद्यालय के गेट पर नारेबाजी कर विरोध जताया। इस दौरान आधे शिक्षक बिना विरोध किए अपने काम से मतलब रखते हुए इधर-उधर से निकल गए।

बैठे स्कूल में, एप बता रहा सात किमी दूर
शिक्षिका भगवती राठौर, सुफिया सुल्तान ने बताया कि जब से एप शुरू हुआ है, मुसीबतें ओर बढ़ गई हैं। दूरदराज के स्कूलों में जैसे-तैसे पहुंच तो जाते हैं, लेकिन जब स्कूल में कुर्सी पर बैठकर अटेंडेंस लगाते हैं तो एप स्कूल से सात किमी दूर रहना बता देता है। ज्योति वर्मा, सुनील शुक्ला ने बताया कि एक कंपनी की सिम इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पदस्थ स्कूल में दूसरी कंपनी का नेटवर्क आता है। वही कई ऐसे भी स्कूल हैं, जहा नेटवर्क ही नहीं है। ऐसे में उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही है।

वर्जन में उलझे कर्मचारी
एप लागू किए जाने से पहले गुगल प्ले स्टोर पर 6.3 वर्जन चल रहा था। इस वर्जन का करीब 6015 कर्मचारियों ने डाउनलोड भी कर लिया था, लेकिन बाद में नया वर्जन 6.5 आ गया। नए वर्जन की अधिकतर कर्मचारियों को जानकारी ही नहीं है। इसके कारण भी कई शिक्षक-शिक्षिकाएं असमंजस की स्थिति में बने हुए है।

तीन साल से चल रही उठा पटक
शिक्षा विभाग का मानना है कि अधिकतर शिक्षक अपनी ड्यूटी को लेकर संजिदा नहीं है। ऐसे शिक्षकों पर लगाम लगाने पिछले तीन साल से एप लागू किए जाने प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विरोध के चलते एप लागू नहीं हो सका। इसके अलावा कई शिक्षक पदस्थ तो कहीं ओर है, लेकिन अपनी पसंद की जगह पर अटैच होकर काम कर रहे हैं।

फैक्ट फ़ाइल
टोटल शिक्षक 638 9
अद्यतन संख्या 6250
एप डाउनलोड 2250
संकुचन 51
जन शिक्षक 100
प्राइमेरी स्कूल 1341
माध्यमिक स्कूल 674
हाईस्कूल 118
हायर सेकरी स्कूल 94

विभाग के आदेश के तहत एम शिक्षा एप हर हाल में लागू किया जाना है। इसको लेकर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। कुछ शिक्षकों में एप को लेकर भ्रांतियां है। कार्यशाला के माध्यम से यह भ्रांति दूर की जा रही है।
आरके बांगरे, बीइओ शिक्षा विभाग सीहोर

Home / Sehore / जब बच्चों की तरह शिक्षकों की ली गई क्लास, प्रशिक्षक की गलतियां बताकर किया विरोध

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो