निरीक्षण के दौरान पुरातत्व विभाग के डायरेक्टर टेक्नीकल इंजीनियर कृष्णकांत बराई ने मंदिर निर्माणकर्ता भूरा जाट से चर्चा की। इस दौरान जाट ने बताया कि 51 फीट ऊंचे इस मंदिर में अब सिर्फ फि नीसिंग का काम बाकी है। पुरातत्व विभाग के सीनियर अधिकारी डॉ. रमेश कुमार यादव ने बताया जल्द ही अगले मंदिर की खुदाई के लिए टीम पहुंचेगी। मंदिर के साइड में दूसरा मंदिर बनाने का भी टेंडर हो गया है। इस दौरान देवबड़ला मंदिर समिति के अध्यक्ष ओंकारसिंह भगतजी, विजेंद्रसिंह भाटी, जनपद सदस्य भीष्मसिंह ठाकुर, पुजारी संतोष गिरी, ओम प्रकाश शर्मा, नरेंद्रसिंह, गजानन आचार्य मौजूद थे।
चार साल पहले मिली थी दुर्लभ प्रतिमा
साल 2016 में देवबड़ला में दुर्लभ प्रतिमा होने की जानकारी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग ने जनवरी 2017 में खुदाई शुरू की थी। इसमें परमाकालीन दो मंदिर मिले थे। इन मंदिरों से 11वीं, 12वीं शताब्दी की 20 प्राचीन व दुर्लभ प्रतिमा थी। मंदिर क्रमांक एक शिव मंदिर और मंदिर क्रमांक दो विष्णु मंदिर से मिली प्रतिमा हिन्दू देवी देवताओं की थी। इनमें ब्रमदेव, गौरी, भैरव, भूवराह, देवी लक्ष्मी, योगिनी और शिव नटराज की प्राचीन प्रतिमाएं शामिल थी।