जिले में कोरोना संक्रमित की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। संक्रमण से सुरक्षा और बचाव के लिए निरंतर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। गंभीर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को बेहतर उपचार के लिए सरकारी अस्पतालों में आइसीयू और ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार किए गए हैं, हालांकि अभी तक जिले में कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमित हुए एक भी व्यक्ति को ऑक्सीजन और ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहने की नौबत नहीं हुआई है। जिले में फ्रंट लाइन वर्कर, हेल्थ केयर वर्कर और 60 प्लस वाले व्यक्तियों को 10 जनवरी से प्रिकॉशन डोज दिया जा रहा है।
बुधवार को कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जिला अस्पताल पहुंचकर प्रिकॉशन डोल लगवाया। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल स्थिति ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान ऑक्सीजन प्लांट की अधिकतम कैपेसिटी ऑक्सीजन की शुद्धता को भी देखा। कलेक्टर ठाकुर ने सीएमएचओ डॉ. सुधीर कुमार डहेरिया को निर्देश दिए कि नियमित ऑक्सीजन प्लांट चलाकर उसकी शुद्धता देखी जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पडऩे और परिस्थियों से निपटने के लिए जरूरी है कि हमारी सुविधाएं पूरी तरह से चाक-चौबंद हो। सीहोर जिला अस्पताल में 1000 एलसीएम ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील है और 300 एलसीएम ऑक्सीजन प्लांट इंस्टॉलेशन किया जा रहा है। सके अलावा 600 एलसीएम लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी बनाया जाएगा। ऑक्सीजन उत्पादन में सीहोर जिला अस्पताल ही नहीं, इसके अलावा आष्टा, रेहटी, नसरुल्लागंज अस्पताल भी आत्मनिर्भर बन गए हैं।