मौसम ने फिर से करवट ली
उल्लेखनीय है कि तीन दिनों से क्षेत्र में मौसम खुला हुआ था, अंचलों में ग्रामीणों व किसानों की चहल पहल खेत तथा खलियानों में शुरू हो गई थी, मौसम साफ होने से सोयाबीन की फसल कटाई का दौर भी शुरू हो गया था। लेकिन शनिवार की शाम को क्षेत्र में मौसम ने फिर से करवट ली। तेज हवा और बादलों की गर्जना के बीच अनुविभाग शुजालपुर के कुछ गांवों में ओलावृष्टि हुई। मिली जानकारी अनुसार अरन्याकलां के समीप स्थित कनाडिया में लगभग 5 मिनट तक चने के आकार के ओले बरसे।
गांवों में ओलावृष्टि के समाचार मिले
कनाडिया सरपंच भंवरसिंह परमार ने बताया कि पहले तेज हवा चली और फिर ओले बरसना शुरू हो गए। सोयाबीन फसल पहले से ही खराब हो गई थी और जो बच गई थी वह ओलों ने नष्ट कर दी। इसी प्रकार कालापीपल तहसील के ग्राम काकरिया व नांदनी सहित आसपास के कुछ गांवों में ओलावृष्टि के समाचार मिले है।
65 इंच के लगभग पहुंचा आंकडा
मालवा अंचल जो वर्षभर होने वाली 40 इंच बारिश में सामान्यता वर्ष भर का कोटा पूरा कर लेता है लेकिन इस बार बारिश का आंकडा सामान्य बारिश से लगभग 25 इंच अधिक हो चुका है। तहसील शुजालपुर में चालू वर्ष में अब तक लगभग 65 इंच बारिश हो चुकी है। जलाशय अभी भी लबालब भरे हुए है तो खेतों से नमी समाप्त नहीं हो रहा।
किसानों की परेशानी और बढ़ी
तीन दिनों से मौसम खुला रहने पर किसानों ने खडी फसल को संभालना शुरू कर दिया था। क्षेत्र के अधिकांश खेतों में सोयाबीन फसल कटाई शुरू हो गई थी। लेकिन शनिवार को किसान की मेहनत पर आसमान से बरसी आफत ने फिर से पानी फेर दिया। बताया जाता है कि खड़ी फसल होने पर बारिश से उतना नुकसान नहीं होता है जितना कटाई के बाद खेतों में पड़ी फसलों को होता है। इन फसलों को सुखाने के चक्कर में किसान जहरीले जन्तुओं के शिकार भी बनेंगे।