बस्ती और गांव के बीच एक नाले ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है। इस नाले को पार कर ग्रामीण आठ महीने तो आवाजाही कर लेते हैं, लेकिन बारिश में पहाड़ जैसे हालात बन जाते हैं। इस बार भी बारिश शुरू हुई तो नाले को पार करने ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक किनारे से दूसरे तक तार और रस्सी बांधी है। इसी के सहारे छोटे स्कूली बच्चे, महिलाओं से लेकर बड़े तक 10 फीट नाले को पार करते हैं। जरा सी चूक से उनकी जान तक जा सकती है। इलावदी बस्ती में 15परिवार के बीच 75 लोग रहतेे हैं। करीब एक दर्जन से अधिक बच्चे भी पढ़ाई के लिए इसी रस्सी के सहारे दूसरी तरफ जाते हैं।
नाला पार करते समय चली गई जान
गांव का सचिन (12) पिता करण सिंह 19 जुलाई 2015 को यही नाला पार कर रहा था। तेज बहाव के चलते बह गया था। उसको ढूंढऩे काफी दिन तक रेस्क्यू चला था। जगह-जगह नाले तक को खोद दिया था, फिर भी पता नहीं चला था। २१ दिन बाद बहुत बुरी स्थिति में शव मिला था। गांव के तेज सिंह, मोहन सिंह, अरविन्द बताते हैं कि बच्चों को स्कूल ले जाने इन्हीं तार का सहारा लेते हैं, जिससे गिरने का खतरा रहता है। इस समस्या को दूर करने कलेक्टर, विधायक से लेकर सब को अगवत करा चुके हैं। फिर भी मायूसी हाथ लगी है।
गांव का सचिन (12) पिता करण सिंह 19 जुलाई 2015 को यही नाला पार कर रहा था। तेज बहाव के चलते बह गया था। उसको ढूंढऩे काफी दिन तक रेस्क्यू चला था। जगह-जगह नाले तक को खोद दिया था, फिर भी पता नहीं चला था। २१ दिन बाद बहुत बुरी स्थिति में शव मिला था। गांव के तेज सिंह, मोहन सिंह, अरविन्द बताते हैं कि बच्चों को स्कूल ले जाने इन्हीं तार का सहारा लेते हैं, जिससे गिरने का खतरा रहता है। इस समस्या को दूर करने कलेक्टर, विधायक से लेकर सब को अगवत करा चुके हैं। फिर भी मायूसी हाथ लगी है।
बालक के डूबने के बाद हमारी तरफ से नाले पर पुलिया बनाने शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा था। उस पर अब तक मुहर नहीं लगी है। स्वीकृति मिलती है तो पुल या पुलिया बनाई जाएगी।
शैलेंद्र सिंह राजूपत, सरपंच प्रतिनिधि कुमड़ावदा
शैलेंद्र सिंह राजूपत, सरपंच प्रतिनिधि कुमड़ावदा
कई जगह पर पुल-पुलियाएं बनाई गई हैं। जहां तक इस गांव की बात है तो ग्रामीणों की इस समस्या को भी जल्द दूर किया जाएगा। हमारी तरफ इसे लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं।
रंजीत सिंह गुणवान, विधायक आष्टा
रंजीत सिंह गुणवान, विधायक आष्टा