सब्जी उत्पादकों को 3 करोड़ का नुकसान होने की आशंका, कई पॉलीहाउस में लगी फसलें भी हो रही बर्बाद
सेंधवा•Apr 12, 2020 / 12:04 pm•
vishal yadav
Farmers feeding vegetables by removing vegetables from the fields
बड़वानी/सेंधवा. टोटल लॉक डाउन और कफ्र्यू के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। विधानसभा के सैकड़ों किसानों ने कई एकड़ में सब्जी और फलों की खेती की थी, लेकिन कफ्र्यू के कारण किसान अपनी फसलों को बेच नहीं पा रहे है। इससे खेतों में ही फसल सड़ रही है। अब मजबूर किसान फसलें निकालकर या तो फेंक रहे है या मवेशियों को खिला रहे। अभी तक किसानों का करोड़ों रुपए का नुकसान हो चुका है।
कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा होने पर सेंधवा में फिलहाल कफ्र्यू लगा हुआ है। सेंधवा में पिछले 7 दिनों से कफ्र्यू लगा है और प्रशासन द्वारा सब्जी मार्केट को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में आसपास के क्षेत्रों में सब्जी की फसल उगाने वाले किसानों के सामने डबल संकट आ खड़ा हुआ है। पहले तो लॉक डाउन के चलते वह लोग आसपास के क्षेत्रों में सब्जियां बेचने नहीं जा पा रहे थे। उसके बाद अब नगर में 7 दिनों से जारी कफ्र्यू के चलते नगर में भी हम सब्जी नहीं भेज पा रहे है। सब्जी का कोई खरीददार नहीं मिल रहा। ग्राम पिसनवाल के भोलिया ने 3 एकड़ खेत में गोभी बो रखी थी, लेकिन कोई खरीददार नहीं मिला तो आज पूरे खेत में ट्रैक्टर चलवा दिया। किसान भोलिया का कहना है कि उसे 1 लाख 75 हजार का नुकसान हुआ है। ऐसा ही हाल पास के खेत के मालिक जगदीश का है। जिसने डेढ़ एकड़ खेत में गोभी लगाई थी। उसने भी अपनी खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया। उसका कहना है कि लॉक डाउन से पहले सब्जी अच्छी बिक रही थी, लेकिन जब से कफ्र्यू लगा है। हालत बेहद खराब है। क्षेत्र के किसान और बसपा जिलाध्यक्ष बालकृष्ण बाविस्कर ने बताया कि हम चाहते है कि सरकार हमें सब्जियां बेचने की अनुमति प्रदान करें या फिर आर्थिक मदद प्रदान करें।
50 हेक्टेयर में हुआ करीब 3 करोड़ का नुकसान
सेंधवा विकासखंड के तहत 50 हेक्टेयर से अधिक की जमीन पर सब्जियों की खेती की जा रही है। एक हेक्टेयर में अनुमानित लागत 4 से 5 लाख रुपए होती है। इस तरह 50 हेक्टेयर में 2 करोड़ से अधिक का नुकसान किसानों को होने की आशंका है। वहीं छोटे किसान जो बेहद कम स्तर पर सब्जियों का उत्पादन करते है। उनका नुकसान का कोई आकलन नहीं है। कई किसानों के फोन आ रहे हैं और उन्होंने बताया कि खेतों में सब्जियां खराब हो रही है, लेकिन फिलहाल प्रशासन लॉक डाउन और लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है। इसलिए सब्जियों की बिक्री प्रतिबंधित की गई है।
तरबूज, टमाटर और पत्ता गोभी को सबसे अधिक नुकसान
सेंधवा विकासखंड के 30 से अधिक गांव ऐसे है। जहां पर किसान पिछले कई वर्षों से सब्जियों और फलों की खेती करने लगे है। पर्याप्त पानी होने से सब्जियों की खेती से किसानों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण किसान अपने खेतों में खड़ी फसलों को सेंधवा नहीं ला पा रहे है। मंडी बंद होने के कारण फसलें सडऩे लगी हैं। सेंधवा के समीपस्थ झोपाली बेल्ट मेंंं ग्राम पिसनावल के कई किसानों के खेत में पत्ता गोभी, फूलगोभी सहित कई ऐसी सब्जियां है, जो सड़ रही है। जिन्हें अब किसान खेतों से निकालकर मवेशियों को खिला रहे है। जिन किसानों ने अपने खेतों में बड़ी तादाद में सब्जियां लगा कर रखी है। वह उन पर ट्रैक्टर चला रहे है। किसानों का कहना है कि अब जबकि फसल में लगी है, तो इन्हें खेतों में नहीं रख सकते। ग्राम नवलपुरा, सेमलिया, पिसनावल, गोई, चिखली, बलवाड़ी क्षेत्र के दुगनी में तरबूज, गोभी, टमाटर आदि फसलें खराब हो चुकी है। कई क्षेत्रों में नदी किनारे तरबूज की खेती की गई है। तरबूज अब करीब पक चुके है। यदि कुछ दिन और लॉक डाउन रहा तो तरबूज की फसल भी सड़ जाएगी।
पॉलीहाउस में लगा टमाटर और खीरा ककड़ी खराब
विधानसभा के बलवाड़ी, नवलपुरा, पिसनावल आदि क्षेत्रों में किसानों ने लाखों रुपए की लागत से पॉलीहाउस बनाए है। वर्तमान में इनमें खीरा, ककड़ी, टमाटर और गिलकी की खेती की जा रही है, लेकिन फसल अब सडऩे लगी है। प्रगतिशील किसान गंगाराम सिंह गोरिया, विपुल लाठी सहित देवी शिव पटेल के पॉलीहाउस में फसलें खराब हो रही है। इसी तरह प्याज को भी नुकसान की आशंका है। हालांकि लोगों ने अपने खेतों से प्याज निकालकर घरों में सुरक्षित रखे है, लेकिन ये भी ज्यादा दिन सुरक्षित रहे। इसकी कोई गारंटी नहीं है। गर्मी के कारण भी प्याज खराब हो सकता है।
चोरी छुपे मंडी में आ रहे सब्जी के वाहन
एक तरफ किसान अपने खेतों में खड़ी फसलों को इसलिए नष्ट कर रहा है। क्योंकि सेंधवा में मंडी बंद होने के कारण खरीदी बंद की गई है। वहीं दूसरी तरफ अवैध रूप से प्रतिबंध के बाद भी सब्जी विके्रता सक्रिय है। सूत्रों की माने तो प्रतिदिन रात को 8 से देर रात के बीच राजपूर सहित अन्य स्थानों से सब्जियों के वाहन सेंधवा मंडी में आ रहे हैं। रात के अंधेरे में ये खेल चल रहा है। सब्जियों के थोक व्यापारी अवैध रूप से मंडी में सब्जी बेच रहे है। वहीं प्रशासन इस गतिविधि से अनजान बना हुआ है। हालांकि कई लोगों द्वारा शिकायत की जा रही है कि सेंधवा को छोड़कर अन्य क्षेत्रों से सब्जियां बिकने आ रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। सूत्रों के मुताबिक रात में सब्जियां मंडी परिसर में पहुंच रही है। वहीं अधिकारी सुबह जाकर निरीक्षण करते है। जिससे अपराधी उनके हाथ नहीं लग रहे है। अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण सब्जी बिक्री का अवैध धंधा जोरों से चल रहा है।
वर्जन…
सेंधवा विकासखंड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को सब्जियां खराब होने के कारण आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सेंधवा के सैकड़ों किसानों ने 50 हेक्टेयर से भी अधिक जमीन पर सब्जियां जिनमें टमाटर, गिलकी, खीरा, ककड़ी, तरबूज लगा रखे। सेंधवा में कफ्र्यू के कारण सब्जियां बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में किसानों की फसलें खराब हो रही है। नगर में अनुमानित 3 करोड रुपए से अधिक का नुकसान किसानों को होने की आशंका है।
-डीआर चौहान, वरिष्ठ उद्यानिकी अधिकारी सेंधवा