ग्राम पंचायत पीपरवानी में साप्ताहिक बाजार, मनरेगा कार्य, मीनाक्षी तालाब, पौधारोपण, नलजल योजना, कांजी हाउस, स्टेशनरी खरीदी, तालाब नीलामी आदि में गड़बड़ी की शिकायत ग्रामीण सुरेश मिश्रा, मुरारी मदनकर, सुनील बिठले, अनिल बिठले, श्रीचंद देशमुख, विजय मिश्रा ने की है। उनका आरोप है कि उक्त कार्य में बड़े पैमाने पर शासकीय राशि का गबन किया गया है।
वर्ष 2018 की जांच रिपोर्ट व आरटीआई से मिली जानकारी में अंतर
सीइओ कुरई हरिराम कुशराम की वर्ष 2018 में की गई जांच में साप्ताहिक बाजार वर्ष 2014-15 नीलामी राशि दो लाख 27 सौ रुपए। जमा राशि एक लाख और शेष राशि एक लाख 27 सौ रुपए। वर्ष 2015-16 में नीलामी राशि दो लाख 38 हजार, जमा राशि 1.52 लाख, शेष राशि 86 हजार रुपए। वर्ष 2016-17 में नीलामी राशि 2.56 लाख, जमा राशि 1.85 लाख, शेष राशि 71 हजार रुपए। का उल्लेख रिपोर्ट में है।
शिकायतकर्ताओं का दांवा है कि अक्टूबर 2019 में आरटीआई की जानकारी में उपलब्ध कराई गई ग्राम पंचायत की सत्यापित कॉपी में वर्ष 2015-16 में नीलामी राशि 2.38 लाख रुपए, जमा राशि निरंक। वर्ष 2016-17 में नीलामी राशि 2.58 लाख, जमा राशि 1.24 लाख रुपए। वर्ष 2017-18 में नीलामी राशि दो लाख 56 हजार दो सौ रुपए, जमा राशि निरंक दर्शाया गया है। यह दोनों आकड़े ग्राम पंचायत में गड़बड़ी को दर्शा रहे हैं। सीइओ कुशराम ने जांच के दौरान दस्तावेजों का अवलोकन किया या नहीं। इस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। शिकायतकर्ता की माने तो सीइओ कुशराम जांच के लिए ग्राम पंचायत में गए थे।
मैंने शिकायतकर्ताओं को बुलाया था। उनका पक्ष ले लिया है। अब जल्द ही इस मामले में प्राप्त शिकायत की जांच पूरी की जाएगा। यदि शिकायत सही मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– सुनील दुबे, सीइओ जिला पंचायत सिवनी