scriptऔर इस तरह सपेरे ने पकड़ा जहरीली नागिन… | And in this way serpent captured poisonous serpent | Patrika News
सिवनी

और इस तरह सपेरे ने पकड़ा जहरीली नागिन…

नागिन किसी को डस ले तो उसकी जिंदगी खतरें में पड़ सकती है। इसके बाद भी वो सपेरा अपनी पीढिय़ों के हुनर से नागिन को पकडऩे में जरा भी नहीं डरता।

सिवनीSep 17, 2017 / 01:11 pm

sunil vanderwar

snake poison
सिवनी. नागिन किसी को डस ले तो उसकी जिंदगी खतरें में पड़ सकती है। इसके बाद भी वो सपेरा अपनी पीढिय़ों के हुनर से नागिन को पकडऩे में जरा भी नहीं डरता। ऐसा ही नजारा लोगों के सामने आया। एक घर में सीढ़ी के नीचे फुंफकारती नागिन को सपेरे ने अपने ढंग से पहले बाहर निकलने के लिए मजबूर किया और जब नागिन बाहर बरामदे में पहुंची तो उस पर काबू किया।
शहर से नागपुर रोड पर करीब १० किमी दूर नंदौरा ग्राम पंचायत के उपसरपंच रामेश्वर सूर्यवंशी के घर पर दोपहर नागिन दिखाई दी। जिसे ग्रामीणों की सूचना पर पड़ोसी गांव के एक सपेरा ने पकड़ ले गया।
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की शाम उपसरपंच शरद सूर्यवंशी का परिवार दोपहर अपने घरेलू काम में व्यस्त था। इसी बीच घर में सीढ़ी के नीचे नागिन रेंगती हुई दिखाई दी। घर के लोग हड़बड़ा गए, चीख-पुकार कर आसपास के लोगों को इकट्ठा किया।
इसी बीच लोगों ने वन विभाग को भी सूचना दी, लेकिन वन अमला के पहुंचने से पहले ही गांव के कुछ लोग पड़ोसी गांव बघराज से एक सपेरे को लेकर मौके पर पहुंच गए। सपेरा ने अपने पारम्परिक तरीके से सर्प को काबू में कर एक डिब्बे में बंद कर साथ ले गया, जिसे जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया गया।

झाड़-फूंक के चक्कर में जा रही जान

सिवनी. सर्पदंश की घटनाएं होने के बाद अधिकांश लोग झाड़-फूंक के चक्कर में लगे रहते हैं। उसके बाद जब स्थिति बिगड़ जाती है, तो पीडि़त को अस्पताल लेकर पहुंचते हैं। इस बीच मरीज की हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज को बचा पाना डॉक्टर के बस में भी नहीं होता है, फिर भी उपचार किया जाता है। ऐसे वाक्ये आए दिन देखने को मिल रहे हैं।
सर्पदंश के बाद देरी न करें –
जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों में सर्पदंश को लेकर अधिकांश लोग ऐसे होते हैं, जो सर्पदंश के कई घंटों बाद आकर इलाज शुरु कराते हैं। इस मामले में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पी. सूर्या का कहना है कि सर्पदंश के बाद उस जगह को साफ पानी से धो लेना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके पीडि़त को अस्पताल लेकर पहुंचकर एंटीस्नेक का इंजेक्शन लगवाना चाहिए। सर्पदंश में कई बार ऐसा होता है कि कई सर्प जहरीले नहीं होते हैं। इसलिए बिना घबराए सीधे पीडि़त को अस्पताल लेकर पहुंचना चाहिए। किसी भी तरह की झाड़-फूंक के चक्कर में नहीं पडऩा चाहिए। यदि झाड़-फूंक के चक्कर में समय बर्बाद करेंगे तो निश्चित ही मरीज के शरीर में जहर फैल जाएगा। जिसे बचा पाना मुश्किल होगा।

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