कांग्रेस व भाजपा जिलाध्यक्ष, कलेक्टर एवं एसपी को प्रथम दृष्टया सिवनी से जबलपुर फोरलेन मार्ग के निर्माण में छपारा थाना क्षेत्र के घुनई घाटी में हुए निर्माण में गड़बड़ी दिख रही है। लगातार हो रहे हादसे इसके प्रमाण है। विगत माह उक्त सड़क पर छिंदवाड़ा जिले के कांग्रेस नेता के परिवार के तीन लोगों की मौत सड़क हादसे में हो गई। छह अक्टूबर को भीमगढ़ निवासी एक ही परविार के चार लोगों की मौत हादसे में हुई। एक और दो लोगों की मौत की संख्या दर्जनभर से अधिक हैं। खास है कि प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे को इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने ‘पत्रिकाÓ के एक सवाल के जवाब में कहा कि एनएचएआई सड़क पर हो रहे हादसे के प्रति पहली जवाबदारी सांसद की है। यदि मुझे लिखकर दिया जाएग तो मैं इस संबंध में संबंधित केन्द्रीय मंत्री को पत्र लिख दूंगा। मुझे इस मामले की जानकारी अभी हुई है।
राज्य में होने वाले सभी कार्य के प्रति राज्य सरकार संज्ञान ले सकती है। किसी भी जनप्रतिनिधि को जनता के मुद्दे को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। यह बात केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने ‘पत्रिकाÓ से कही है। वे प्रभारी मंत्री के सड़क हादसे में मरने वालों के प्रति पहली जवाबदारी सांसद की होने के दिए गए बयान के बाद बोले हैं।
उन्होंने कहा कि छपारा थाना क्षेत्र के घुनई घाटी से लगे एनएचएआई मार्ग पर लगतार बढ़ रहे हादसे की जानकारी मिली है। यदि यह हादसे तकनीकी गड़बड़ी से हो रहे हैं तो इसकी जांच कराई जाएगी। इस संबंध में संबंधित मंत्रालय और अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा। सड़क पर वाहन चलाने वालों को भी सावधानी बरतनी होगी।
छपारा से गणेशगंज तक करीब नौ किमी सड़क का निर्माण 46 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2018 में पूरा हुआ। सड़क निर्माण एनएचएआई की देखरेख में रीवा की कंपनी ने किया है। घुनई घाटी में सड़क निर्माण में तकनीकी खामियों की बात की जा रही है। सड़क निर्माण के लिए काटे गए पहाड़ी को सीधा काटा गया है, जिससे आए दिन मलबा सड़क पर गिरते हैं। बंजारी मंदिर के पास बने पुलिया से वाहन गुजरते समय हवा में उछल जाते हैं। कई स्थानों पर गड़बड़ी की वजह से वाहन लहराने लगते हैं। हादसा बढऩे पर तत्कालिन व वर्तमान पुलिस अधीक्षक ने उक्त मार्ग का जायजा लिया। एसपी की टीम को मार्ग पर प्रथम दृष्टया गड़बड़ी मिली है। पुलिस ने हादसे को कम करने के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्जनभर से अधिक स्थानों पर ब्रेकर आदि बनवाए हैं।
सड़क की गारंटी चार वर्ष की है। हादसे बढऩे की जानकारी के बाद संबंधित इंजीनियर को नए सिरे से परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। सड़क निर्माण में जहां-जहां गड़बड़ी मिलेगी। उसे सही करवाया जाएगा।
– बीडी गुप्ता, पीडी एनएचएआई छिंदवाड़ा