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सिवनी

सीएमएचओ ने एग्रीमेंट पर जननी वाहन चलवाया अब नहीं कर रहे भुगतान

– छह लाख रुपए के लिए वर्ष 2014 से चक्कर लगा रहे लोग – मंत्री और कलेक्टर के निर्देश की अनदेखी कर रहा सीएमएचओ कार्यालय

सिवनीFeb 12, 2020 / 08:42 pm

akhilesh thakur

सीएमएचओ ने एग्रीमेंट पर जननी वाहन चलवाया अब नहीं कर रहे भुगतान

सीएमएचओ ने एग्रीमेंट पर जननी वाहन चलवाया अब नहीं कर रहे भुगतान

सिवनी. जिले के अस्पतालों में दवा की अनुपलब्धता, निर्धारित अवधि में अस्पतालों का निर्माण नहीं करा पाने। राज्य बीमारी सहायता योजना में हितग्राहियों को लाभ दिए बिना संबंधित अस्पताल को लाखों रुपए के भुगतान करने के मामले में घिरे सीएमएचओ कार्यालय पर छह साल से छह लाख रुपए के लिए वाहन संचालकों को परेशान करने का आरोप है। इस मामले में जिला प्रभारी मंत्री और कलेक्टर निर्देश दे चुके हैं। इसे बाद भी सीएमएचओ द्वारा अनदेखी की जा रही है। खास है कि इस मामले में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत में भुगतान के लिए कमीशन मांगने के आरोप लगे हैं।
प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे व कलेक्टर प्रवीण सिंह से किए गए शिकायत में कहा गया है कि प्रमोद ट्रेवल्स सिवनी के माध्यम से जननी वाहन का वर्ष 2012 से 2014 तक सीएमएचओ से एग्रीमेंट पर संचालन किया गया है। उक्त वाहन संचालन के करीब छह लाख रुपए का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है।
इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में तीन बार की जा चुकी है। तीनों बार एल-4 तक शिकायत पहुंचने के बाद बिना निराकरण के बंद कर दी गई है। भुगतान के लिए सीएमएचओ कार्यालय से संपर्क करने पर बताया जाता है कि फाइल कलेक्टर के यहां आदेश के लिए गया है। इस संबंध में कलेक्टर से मिलकर की गई शिकायत के बाद उन्होंने संबंधित वाहनों के भुगतान के निर्देश सीएमएचओ को दिए थे। इसके बाद भी सीएमचओ कार्यालय भुगतान नहीं कर रहा है। इस मामले में सीएमएचओ डॉ. शाक्य का कहना है कि जिन वाहनों का भुगतान रूका है। उनके नंबर दूसरे वाहनों के थे और उनका संचालन जननी वाहन के रूप में किया गया है। इस वजह से उनका भुगतान रूका है।

वर्ष 2015 में तत्कालीन कलेक्टर ने जांच के बाद दिया था भुगतान का निर्देश
खास है कि यह मामला वर्ष 2015 में सामने आया था। उस समय तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव ने इसकी जांच अपर कलेक्टर से कराई थी। जांच के दौरान संबंधित दूसरे विभागों का भी पक्ष लिया गया था। जांच में यह मामला सामने आया था कि त्रुटिवश वाहनों के नंबर गलत हुए हैं। इसके बाद कलेक्टर ने संबंधित वाहनों के भुगतान का निर्देश सीएमएचओ को दिया था।
बताया जाता है कि उस समय सीएमएचओ कार्यालय से एक वाहन का भुगतान कर दिया गया। शेष वाहनों के भुगतान के लिए बजट नहीं होने की बात कही गई। बताया गया कि बजट आते ही शेष वाहनों का भुगतान कर दिया जाएगा। शिकायतकर्ता की माने तो जिस वाहन का भुगतान सीएमएचओ कार्यालय से हुआ। उसके संचालक ने इसके एवज में संबंधित को कमीशन नहीं दिया, जिसकी वजह से अन्य वाहनों का भुगतान रोक दिया गया है।
एल-4 तक पहुंची सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बिना निराकरण हुआ बंद
सीएम हेल्पलाइन शिकायत क्रमांक 5476584 आठ फरवरी 2018ए शिकायत क्रमांक 5966366 दो मई 2018, शिकायत क्रमांक 6594116 28 जुलाई 2018 में शिकायतकर्ता प्रमोद ठाकुर ने कहा है कि टेंडर वर्ष 2012 में जननी एक्सप्रेस (वाहन) लगाया था। वर्ष 2014 में बंद हो गया। इसका भुगतान कमीशन के कारण रोक कर रखा गया है। यह शिकायत एल-4 तक पहुंचने के बाद बिना निराकरण नहीं हुए, हर बार बंद कर दिया गया।
गलत नंबर से चल रहे थे वाहन तो कैसे हो रहा था हर माह भुगतान
सीएमएचओ डॉ. शाक्य के अनुसार गलत नंबर का वाहन संचालित किए जाने से भुगतान रूका है। ऐसे में सवाल यह है कि दूसरे वाहन जिसका नंबर गलत था। उसका भुगतान तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव की जांच रिपोर्ट आने के बाद कैसे हुआ। जिन वाहनों का भुगतान रूका है। उनको पूर्व में सीएमएचओ कार्यालय ने शेष बकाया राशि के पूर्व तक हर माह भुगतान किया है, जो भुगतान रूका है। वह अतिरिक्त किमी चलाए गए वाहन की राशि है। इन सवालों का जवाब सीएमएचओ नहीं दे पाए। उनका कहना है कि जिस वाहन का भुगतान हुआ है। उसका कागजात सही होगा। इसका पता लगवाएंगे। अब सीएमएचओ इसका पता लगवाएंगे या नहीं वे तो वहीं जाने, लेकिन भुगतान नहीं होने से पैसे के लिए वाहन संचालक परेशान हो रहे हैं। उनकी पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है।

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