वर्ष 2015 में तत्कालीन कलेक्टर ने जांच के बाद दिया था भुगतान का निर्देश
खास है कि यह मामला वर्ष 2015 में सामने आया था। उस समय तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव ने इसकी जांच अपर कलेक्टर से कराई थी। जांच के दौरान संबंधित दूसरे विभागों का भी पक्ष लिया गया था। जांच में यह मामला सामने आया था कि त्रुटिवश वाहनों के नंबर गलत हुए हैं। इसके बाद कलेक्टर ने संबंधित वाहनों के भुगतान का निर्देश सीएमएचओ को दिया था।
सीएम हेल्पलाइन शिकायत क्रमांक 5476584 आठ फरवरी 2018ए शिकायत क्रमांक 5966366 दो मई 2018, शिकायत क्रमांक 6594116 28 जुलाई 2018 में शिकायतकर्ता प्रमोद ठाकुर ने कहा है कि टेंडर वर्ष 2012 में जननी एक्सप्रेस (वाहन) लगाया था। वर्ष 2014 में बंद हो गया। इसका भुगतान कमीशन के कारण रोक कर रखा गया है। यह शिकायत एल-4 तक पहुंचने के बाद बिना निराकरण नहीं हुए, हर बार बंद कर दिया गया।
सीएमएचओ डॉ. शाक्य के अनुसार गलत नंबर का वाहन संचालित किए जाने से भुगतान रूका है। ऐसे में सवाल यह है कि दूसरे वाहन जिसका नंबर गलत था। उसका भुगतान तत्कालीन कलेक्टर भरत यादव की जांच रिपोर्ट आने के बाद कैसे हुआ। जिन वाहनों का भुगतान रूका है। उनको पूर्व में सीएमएचओ कार्यालय ने शेष बकाया राशि के पूर्व तक हर माह भुगतान किया है, जो भुगतान रूका है। वह अतिरिक्त किमी चलाए गए वाहन की राशि है। इन सवालों का जवाब सीएमएचओ नहीं दे पाए। उनका कहना है कि जिस वाहन का भुगतान हुआ है। उसका कागजात सही होगा। इसका पता लगवाएंगे। अब सीएमएचओ इसका पता लगवाएंगे या नहीं वे तो वहीं जाने, लेकिन भुगतान नहीं होने से पैसे के लिए वाहन संचालक परेशान हो रहे हैं। उनकी पीड़ा कोई सुनने वाला नहीं है।