अपर सचिव डॉ. राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश बंदी छुट्टी नियम-1989, नियम-4-घ के उप नियम (3) में संशोधन किया गया है। संशोधित नियम (3) अनुसार प्राकृतिक आपदा और महामारी की दशा में आपात छुट्टी-नियम (1) और (2) में किसी बात के होते हुए भी महामारी के खतरे, प्राकृतिक आपदा जैसी आपात स्थितियों की दशा में या किसी अन्य परिस्थिति में जेल में बंदियों की संख्या कम की जा सकती है। जेल के बंदियों की जनसंख्या को तत्काल कम करने के मद्देनजर बंदियों को एक बार में अधिकतम 300 दिवस की छुट्टी दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बंदियों द्वारा जेल के बाहर व्यतीत की गई आपात छुट्टी की अवधि की गणना बंदी के कुल दण्डादेश की अवधि में शामिल की जाएगा। जिला जेल में वर्तमान समय में शुक्रवार की गणना के अनुसार ४७५ कैदी हैं। इसमें 16 महिलाएं हैं। इसमें दो कैदी उक्त संशोधित नियम के पात्र हैं। ऐसी स्थिति इसलिए है कि जिला जेल सिवनी में सजाफ्यता कैदियों को नहीं रखा जाता है।
जिला जेल में आजीवन वाले बंदी नहीं रहते हैं। ऐसे में इनकी संख्या ज्यादा नहीं हैं। वर्तमान में केवल दो बंदी इसके पात्र हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ता है तो शासन के निर्देश पर इनको छुट्टी मिल सकती हैं। जिला जेल में आने और छोड़े जाने वाले कैदियों का सर्वप्रथम स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है ताकि किसी प्रकार की संक्रामक स्थिति जेल में निर्मित न हो। शासन के निर्देशा का अक्षरश पालन किया जा रहा हैं।
– अदिती चतुर्वेदी, अधीक्षक जिला जेल सिवनी