विकासखण्ड घंसौर के ग्राम सरोरा की घटना
सिवनी•Jul 18, 2018 / 12:03 pm•
santosh dubey
निर्माणाधीन बांध फूटा, फसलों को क्षति
सिवनी. विकासखण्ड घंसौर में ग्राम सरोरा में सोमवार को हुई जोरदार बारिश के चलते पांच करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन बांध पहली बरसात में ही फूट गया। बांध के फूटने से बांध में भरा पानी खेतों में बहने से सैकड़ों एकड़ फसलें तबाह हो गई।
इस मामले में ग्रामवासियों ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को तेज बारिश से बांध में अधिक पानी भरने की सूचना फोन पर सूचना दी गई। वहीं बांध में पड़ी दरारों से ग्रामीणों ने बांध फूटने का पूर्वानुमान अधिकारियों को भी दिया। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि महत्वपूर्ण सूचना देने के बाद भी अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन बांध फूट गया।
ग्रामवासियों ने बताया कि घंसौर से आठ किलोमीटर दूर सरोरा ग्राम के निर्माणाधीन जलाशय के फूटने से क्षेत्र के अनेक किसानों की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि पर लगी फसल बर्बाद हो गई। धान की रोपाई के लिए तैयार खेतों में मुरम पत्थर की मोटी चादर बिछ गई।
घटना के बाद मंगलवार की सुबह जब मौके का जायजा लेने अधिकारी, जनप्रतिनिधि जब पहुंचे तो ग्रामीणों की नाराजगी झेलनी पड़ी। जलसंसाधन विभाग की सिंचाई योजना के तहत ग्राम सरोरा के दर्जनों किसानों की भूमि अधिग्रहित कर करोड़ों रुपए की लागत से जलाशय का निर्माण किया जाना प्रस्तावित किया गया था। जहां लगभग 70 मीटर चौड़ी और 330 मीटर लंबी मिट्टी मुरम की पार का निर्माण किया जा चुका है। मिट्टी मुरम के कुछ हिस्से पर अधूरा निर्माण कर ठेकेदार ने काम बंद कर दिया था। लगातार हो रही बारिश से जलाशय लबालब भर गया। अधूरा निर्माण बढ़ते जल भराव के दबाव को सहन नहीं कर पाया जिसके चलते जलाशय आधी रात को फूट गया। पानी का बहाव इतना तेज था कि निचले हिस्से के लगभग एक किलोमीटर लंबे क्षेत्र की कृषि भूमि पर मुरम पत्थर की चादर बिछ गई।
पीडि़त किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों का शीघ्र ही सर्वे कराकर उचित मुआवजे की मांग की है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि जलाशय यदि दिन के वक्त फूटता तो जन हानि की संभावना हो सकती थी। दिन के समय जलाशय के नीचे किसान अपने खेतों में धान की रोपाई की तैयारियों में जुटे रहते हैं। किसी बड़ी दुर्घटना को ध्यान में रखें बगैर ही ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों ने मिट्टी मुरम की अधूरी पार को जस की तस अवस्था में ही छोड़ दिया। क्षेत्र के ग्रामीण इसे जानबूझकर लोगों के जीवन को संकट पैदा करने वाला कदम बता रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि जलाशय निर्माण में कार्यरत कंपनी के कथित ठेकेदार और जलाशय निर्माण में विभाग की ओर से तकनीकी देखरेख में लगे एसडीओ और सब इंजीनियर की मिलीभगत से बेहद घटिया स्तर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस, राजस्व व सिंचाई विभाग के अधिकारियों सुबह ही गांव पहुंचे। अनुविभागीय अधिकारी रजनी वर्मा ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से कहा कि तबाह हुई फसल का जल्द सर्वे कराकर जांच कराने के आदेश दिए।
सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बांध की अनुमानित लागत पांच करोड़ रुपए हैं। जबकि 5 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि डूब प्रभावितों को वितरित करने के लिए निर्धारित की गई थी। वहीं किसानों ने बताया कि अनेक किसानों को मुआवजा राशि नहीं दी गई थी।
इनका कहना है
बांध के फूटने के पीछे जिस किसी की भी लापरवाही सामने आएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही क्षतिग्रस्त फसलों का सर्वे कराया जाएगा।
रजनी वर्मा एसडीएम घंसौर
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इनका कहना है
जलाशय का निर्माण जारी है। इसके दोनों तरफ आवागमन के लिए अस्थायी मुरम की पार का निर्माण किया गया था, जो तेज बारिश के कारण जलाशय में पानी भरने से फूट गई है।
मोहन सिंह बघेल, एसडीओ जलसंसाधन विभाग।
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पहली बारिश में बांध का फूटना निर्माण कार्य में लापरवाही दर्शाता है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
चंद्रशेखर चतुर्वेदी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सिवनी