प्रशासन का ध्यान सिर्फ कायाकल्प पर, प्रतिदिन मरीज हो रहे परेशान
सिवनी•Aug 22, 2019 / 12:45 pm•
santosh dubey
ओपीडी में डॉक्टर विहीन रहती हैं कुर्सियां
सिवनी. जिला अस्पताल के भवन, वार्डों, बरामदे की दशा सुधारने में लाखों रुपए इन दिनों खर्च किए जा रहे हैं, प्रशासन का पूरा ध्यान भवन के कायाकल्प पर है लेकिन ओपीडी में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी से मरीजों का समय पर न तो उपचार हो पा रहा है और न ही यहां की दशा में कोई सुधार होता नजर आ रहा है।
सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में दोपहर 3.40 बजे एकमात्र चिकित्सक के बैठे रहने और मरीजों की भारी भीड़ के बावजूद शाम 4 बजे तक ओपीडी में कितने डॉक्टर बैठते हैं, जांच करते इन सब व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है।
इन दिनों मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते शहर समेत जिले भर में मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी अस्पतालों में अधिक से अधिक मरीजों की जांच, उपचार हो सके इसके लिए समय सीमा में बदलाव किया। वर्तमान में ओपीडी खुलने और बंद होने का समय सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक रखा गया है तथा बीच के समय में डॉक्टरों के लिए लंच के लिए भी निर्धारित किया गया है। इसके बाजवदू भी ओपीडी में सभी डॉक्टरों के अभी भी नहीं बैठने का ढर्रा पूर्व की भांति बदस्तूर जारी है। जिसके चलते मरीजों को ओपीडी के सामने लम्बी कतार में घण्टें खड़े रहना पड़ता है और जब वे जांच कराने अंदर पहुंचते हैं तो यहां एक-दो डॉक्टर ही ओपीडी में जांच करते पाए जाते हैं इससे मरीजों का समय पर और समुचित जांच नहीं हो पा रही है।
सोमवार को दोपहर 3.30 बजे एक मात्र डॉ. लोकेश बिसेन ही मरीजों की जांच करते पाए गए। बाकी कुर्सियों डॉक्टर विहीन थीं। इस मामले में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि सोमवार को डॉ. एसके सरोढिया, डॉ. महेन्द्र परते, डॉ. पी सूर्या की ड्यूटी थी और उन्होंने मरीजों की जांच भी की है।
हर नियम की उड़ती हैं धज्जियां
ओपीडी में सुबह के समय में भी डॉक्टरों की कमी बनी रहती है वहीं लंच के बाद तो यहां की स्थिति और भी बिगड़ जाती है। मरीजों की संख्या अधिक होने और के बावजूद ओपीडी में एक-दो डॉक्टर ही अक्सर पाए जाते हैं। इसके साथ ही अधिक से अधिक मरीजों की जांच के भी आदेश आए हैं लेकिन यहां ओपीडी की दशा में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
इनका कहना है।
शासन ने ओपीडी का समय तो बढ़ा दिया है लेकिन डॉक्टर्स की संख्या नहीं बढ़ाई है। जिला अस्पताल में लगभग 21 डॉक्टर ही हैं जिनमें से कई अवकाश पर है जिसके कारण ओपीडी में डॉक्टर की कमी रही।
डॉ. वीके नावकर, सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय, सिवनी।