जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा शिक्षा में कमजोर शालाओं, शिक्षकों व विद्यार्थियों का विकासखण्डवार आंकड़ा प्रतिशत में तैयार किया गया है। जिस पर सतत मॉनिटरिंग, ट्रेनिंग के माध्यम से सुधार लाया जा रहा है। इस थीम पर काम करते हुए यह तय किया गया है कि कमजोर विद्यार्थी जब तक अन्य बच्चों के जितना दक्ष नहीं होगा, कोर्स आगे नहीं बढ़ेगा। इसके लिए जिला स्तर से कुछ और जरूरी तैयारी की जा रही है।
गतिविधि, शिक्षा, स्वच्छता पर तय हो रहा प्रतिशत –
सिवनी विकासखण्ड के जनपद शिक्षा केन्द्र में पदस्थ बीएसी अरूण राय ने बताया कि प्राथमिक व माध्यमिक स्तर की शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी व शिक्षकों की बौद्धिक समझ को परखने व बेहतर सुधार लाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत शाला परिसर की स्वच्छता से लेकर विद्यार्थियों की बैठक व्यवस्था, शिक्षण व्यवस्था, शिक्षा का तरीका, दक्षता व अन्य बिंदुओं के आधार पर प्रतिशत तय किए जा रहे हैं। इनमें जो शाला पिछड़ती है, उन्हें बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इनका कहना है –
शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाकर शाला में कार्य कराया जा रहा है, ताकि शिक्षा व व्यवस्था बेहतर हो, जो अपेक्षाकृत परिणाम नहीं ला पा रहे, उन्हें प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
जेके इड़पाचे, डीपीसी सिवनी