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सिवनी

किसानों को खरीफ फसल का पंजीयन कराने में हो रही परेशानी

संबंधित अधिकारियों ने शासन का हवाला देकर खड़े किए हाथ

सिवनीAug 21, 2018 / 02:15 pm

akhilesh thakur

farmer news

किसानों को खरीफ फसल का पंजीयन कराने में हो रही परेशानी

सिवनी. किसानों का हमदर्द बनने का दावा करने वाली मध्यप्रदेश सरकार के नुमाइंदों ने इस बार किसानों की मुश्किलें खड़ी कर दी है। फसलों को खरीदने कराए जा रहे आनलाइन रजिस्ट्रे्रशन की प्रक्रिया पर किसानों ने नराजगी जताई है। मक्का, धान, सोयाबीन आदि फसलों के रजिस्ट्रेशन होने हैं।
किसानों ने बताया कि रजिस्ट्रेशन कराने के लिए दो बैंकों में खाता खुलवाना पड़ रहा है। इसके बाद 2 बैंकों का खाता, संबंधित दस्तावेज की फोटो कॉपी, आधार कार्ड, समग्र आइडी लेकर सेवा सहकारी समिति में जाकर पंजीयन कराना पड़ेगा। किसान की समस्या यहीं खत्म नहीं होती बैंकों में सर्वर डाउन, ओटीपी नंबर आदि प्रक्रिया की वजह से दो से तीन दिन बर्बाद हो रहे हैं। किसानों को अलग-अलग बही का पंजीयन कराने के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबर मांगे जा रहे हैं। पलारी क्षेत्र कृषि प्रधान क्षेत्र हैं, यहां 50 गांव के किसान का लेनदेन स्थानीय बैंक केंद्रीय सेवा सहकारी समिति एवं बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा होता है। इ सकी वजह से दोनों बैंकों में भारी भीड़ देखी गई, जहां किसान परेशान दिखे। उधर संबंधित अधिकारियों ने इस मामले में शासन का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए है। उनकी ओर से किसानों की समस्या से भोपाल के उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। उधर किसान जन जागृत संगठन ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर किसानों को पंजीयन कराने में आ रही दिक्कत से अवगत कराया। ज्ञापन सौंपने वालों में हुकूम चंद सनोडिया, रंजीत बघेल, प्रदीप सनोडिया, अश्विनी बघेल, रमन यादव, ऊषा सनोडिया आदि रहे।
विधायक रजनीश ने किया नए नियम से पंजीयन का विरोध
सिवनी. केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने कहा है कि खरीफ फसल का पंजीयन कराने के लिए जो नए नियम बनाए गए हैं। सरकार को उसे पूर्ववत रखना चाहिए। धान और मक्का की फसल को बेचने के लिए पंजीयन कराना ही किसान के लिए परेशानी भरा कार्य है। अब ऐसे में नए नियम बनाकर सरकार किसानों को और भी ज्यादा परेशान करने की मंशा प्रकट कर रही है। किसान अपनी फसल को तैयार करने में समय लगाएगा या फिर खाता खुलवाने के लिए बैंकों की लाइन में खड़ा रहेगा। यदि किसी किसान का राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता है तो उसे सहकारी बैंक में खाता खुलवाने की आवश्यकता किसान को परेशान की मंशा प्रतीत होती है। नए नियम से कई किसानों का पंजीयन नहीं हो पाएगा, जिससे उनको अपनी ऊपज औने-पौने दाम पर बाजार में बेचनी होगी।
2018-19 खरीफ फसलों के पंजीयन में के लिए ल गने वाले दस्तावेज।
1. पंजीयन में किसान का मोबाइल नंबर अनिवार्य है।
2. किसान का पंजीयन ओटीपी द्वारा होगा।
3. किसान का आधार नबर अपडेट होना अनिवार्य है।
4. किसान का 2 बैंको में खाता होना अनिवार्य है, जिसमें एक कापरेटिव बैंक का तथा एक राष्ट्रीयकृत बैंक का होना चाहिए। किसान जिस खाते में भुगतान चाहेगा उसमें होगा।
5. किसान सिकमी भूमि का पंजीयन फॉर्म 6 में भरकर देगा, जिसे पंजीयन किया जाएगा।
6. किसान अपने पंजीयन के समय संपूर्ण दसतावेज लावे ओर किसान अपनी पूर्ण भूमि का पंजीयन एक ही बार करवाएं। दोबार किसान की भूमि का पंजीयन नहीं होगा इसकी संपूर्ण जिमेदारी किसान की रहेगी।
7. खरीफ पंजीयन की साइड सुबह 10.30 बजे से शाम 6 बजे तक चालू रहेगी। इस बीच ही पंजीयन किए जाएंगे। इसलिए किसान समय-सीमा में ही पंजीयन कार्य कराएं।
8. इसबार किसानों को पंजीयन करते समय स्वयं की उपस्थिति अनिवार्य होगी अन्यथा किसान का पंजीयन नही हो पाएगा।
9. किसान को पंजीयन करते समय अनिवार्य दसतावेज। ( मोबाइल नंबर, समग्र आईडी, आधार कार्ड, दो बैंक का खाता नंबर, ऋण पुस्तिका, सिकमी होने पर फार्म-6 साथ इकरारनामा।)
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