जिले में वन व वन्यप्राणियों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। विगत माह कान्हीवाड़ा परिक्षेत्र के वन में दर्जनभर लकड़ी तस्कर दिखे थे। उस समय वन विभाग के दस्ते पर हवाई फायरिंग की गई थी। इस दौरान एक गोली वाहन पर भी लगी थी। इ स मामले में केवलारी थाने में प्रकरण दर्ज है। वन विभाग ने भी कुछ आरोपियों को चिन्हित किया है। इसबीच लगातार हो रहे सूकर व हिरण के शिकार के बीच भालुओं को करेंट से मारे जाने की घटना के बाद एक बार फिर वन महकमा सवालों के घेरे में आ गया है। लोगों का कहना है कि यदि संबंधित क्षेत्र में वन विभाग की टीम गश्त करती तो करेंट लगाए जाने की जानकारी होती।
जंगल से लगे क्षेत्र में खेती करने वाले किसान फसल को वन्यप्राणियों से बचाने के लिए करेंट सहित अन्य उपाय अपनाते हैं। इसकी वजह से वन्यप्राणियों की मौत हो रही है। जानकारों की माने तो सबसे अधिक ऐसी घटनाएं जंगल में कब्जा करने खेती करने वाले क्षेत्रों में होती है। क्योंकि शासन की योजना अनुसार वन्यप्राणियों द्वारा फसल का नुकसान पहुंचाने पर किसान को वन विभाग की ओर से आर्थिक मदद की जाती है, जबकि कब् जे वाले जमीन पर यह मदद किसान को नहीं मिल पाती है।