उक्त हादसे के अलावा अलोनिया टोल नाका के पास मंगलवार की सुबह चार वाहनों की एक साथ टक्कर हो गई। इसमें कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन वाहनों को नुकसान पहुंचा है।
अलोनिया टोल नाके के पास जबलपुर की ओर से आने वाले वाहनों की स्पीड अधिक होती है। इसके पीछे जबलपुर की ओर से सडक़ की बनावट को कारण बताया जा रहा है। यह सडक़ ढलान पर है और वहां गड्ढे हो गए हैं। गड्ढे को बचाने के प्रयास में वाहन असंतुलित हो जाते हैं। इसकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि कंटेनर और कार की टक्कर में यह एक बड़ा कारण हैं। यह स्थिति तब है जब अलोनिया टोल नाके की प्रतिदिन की वसूली लाखों रुपए की हैं। एनएचएआई पैसे वसूलने का ठेका तो दे देती है, लेकिन सुविधाओं के मामले में उसकी चुप्पी समझ के परें हैं। आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मार्ग पर लगातार हो रहे हादसे के लिए एनएचएआई के अधिकारियों की जवाबदारी तय करनी चाहिए। हादसे में यदि सडक़ की तकनीकी कमियां सामने आए तो उनके खिलाफ एपआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में लगातार हादसे के बाद तकनीकी कमियां सामने आने के बाद भी पुलिस इनके खिलाफ अब तक कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर पाई है, जिसकी वजह से हादसे नहीं रूक रहे हैं।