औजार, उपकरण, मशीनों की पूजा कर मनाई गई विश्वकर्मा जयंती
सिवनी•Sep 20, 2019 / 12:21 pm•
santosh dubey
वास्तुशास्त्र के देवता प्रथम इंजीनियर के रूप में हैं भगवान विश्वकर्मा
छपारा/सिवनी. शासकीय आईटीआई कॉलेज में सृजन और शिल्प के देवारा स्वर्गलोग से लेकर द्वारिका तक के रचियता भगवान विश्वकर्मा की जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सभी ब्रांच के विद्यार्थियों ने अपने लैब और क्लास रूम की सफाई की। किसी ने रंगोली सजाई तो किसी ने वन्दवार और आकर्षक गुब्बारों से साज सज्जा की।
सभी विद्यार्थियों ने औजार उपकरण व मशीनों की साफ-सफाई और पूजन किया। कॉलेज प्राचार्य नलिन तिवारी ने बताया कि कि भारतीय संस्कृति के अंतर्गत शिल्प संकायों, कल कारखानों उद्योगों में भगवान विश्वकर्मा की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए प्रत्येक वर्ष 17 सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है।
इस अराधना के साथ कि हमें अपने कार्यों पर पूर्ण कौशल प्रदान करें। यह दिवस उद्योगों में उत्पादन वृद्धि और राष्ट्र समृद्धि का संकल्प भी रखा जाता है।
ऋग्वेद में विश्वकर्मा सूक्त के नाम से 11 ऋचाएं लिखी हुई हैं। विश्वकर्माजी को वास्तुशास्त्र का देवता, प्रथम इंजीनियर कहा गया है। अगर मनुष्य को शिल्प का ज्ञान हो तो निर्माण और उत्पादन सम्भव नहीं है। परिणामस्वरूप भवन निर्माण, उद्योगों में उत्पादन नहीं हो पाएगा और मानव सभ्यता के विकास का पहिया थय जाएगा। सर्व प्रथम शिल्प कलाधिपति भगवान विश्वकर्मा की सभी ब्रांच में पूजा अर्चना की गई तत्पश्चात सामूहिक रूप से संस्था परिवार ने हवन किया। इस अवसर पर विशेष रूप से संस्था परिवार की ओर से समस्त विद्यार्थियों को भोजन भी कराया गया।
कार्यक्रम के भव्य आयोजन में सतीश सूर्यवंशी, संजय उइके, संजीव सनोडिया, राजकुमार सोयम, नीरज उइके, रंजना गुप्ता, यश्विन ठाकुर, प्रियंका कुशवाह, अमित शर्मा, डीके डहरवाल, नंदनी बर्डे, प्रतिभा सोनी, रानू जवारे, राकेश तिवारी, स्वर्णिम चंदेल का विशेष योगदान रहा।